
'ढोल, गंवार शूद्र, पशु नारी' : रामचरित मानस में राम ने कभी नहीं कही यह बात, फिर भी क्यों हो रहा है विरोध
Zee News
क्या रामचरितमानस में यह बात भगवान राम ने कही है? इस चौपाई का उल्लेख कहां पर है यानी मानस के किस कांड में? किस संदर्भ में इस चौपाई का उल्लेख किया गया है?
नई दिल्ली. हिंदू धर्म के सर्वाधिक मान्य और पूज्य ग्रंथों में से एक रामचरित मानस को लेकर इस वक्त जमकर विवाद हो रहा है. पहले बिहार के मंत्री से शुरू हुई बात यूपी में स्वामी प्रसाद मौर्य तक पहुंच गई. बीजेपी ने घेरा तो अखिलेश यादव खुद मौर्य के समर्थन में उतर आए. स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा था कि राम चरित मानस में समाज के कुछ हिस्सों अपमानित महूसस होता है. उनकी बात का इशारा राम चरित मानस की चौपाई- 'ढोल, गंवार, शूद्र, पशु, नारी...सकल ताड़ना के अधिकारी' पर था.
मौर्य के इस बयान के बाद भारतीय जनता पार्टी ने सपा को घेरना शुरू कर दिया. इसे लेकर राजनीतिक बहस जारी है क्योंकि खुद अखिलेश यादव ने स्वामी प्रसाद मौर्य का बचाव किया है. लेकिन इस सारे विवाद के बीच यह जानना जरूरी है कि क्या रामचरितमानस में यह बात भगवान राम ने कही है? इस चौपाई का उल्लेख कहां पर है यानी मानस के किस कांड में? किस संदर्भ में इस चौपाई का उल्लेख किया गया है. यह सब जानना इसलिए भी जरूरी है क्योंकि जब भी राजनीतिक बहस की शुरुआत होती है तो हमेशा उल्लेख होता है कि यह चौपाई रामचरित मानस में उद्धत है. कई बार यह भ्रम भी बनता है कि यह बात भगवान राम ने कही है!