डोनाल्ड ट्रंप की शपथ से पहले बाइडेन का बड़ा फैसला, डॉक्टर फाउची समेत इन लोगों को दी 'माफी'
AajTak
डोनाल्ड ट्रंप ने अपने चुनाव अभियान के दौरान बार-बार यह चेतावनी दी थी कि राष्ट्रपति बनने के बाद वह जो बाइडेन प्रशासन के उन अधिकारियों की जांच कराएंगे, जिनके द्वारा उन्हें निशाना बनाया गया.
डोनाल्ड ट्रंप के शपथ ग्रहण से कुछ घंटे पहले निवर्तमान राष्ट्रपति जो बाइडेन ने डॉ. एंथनी फाउची, जनरल मार्क मिले (रिटायर्ड) और '6 जनवरी कैपिटल हिल अटैक' की जांच के लिए गठित समिति के सदस्यों को माफी दे दी. डोनाल्ड ट्रंप ने अपने चुनाव अभियान के दौरान बार-बार यह चेतावनी दी थी कि राष्ट्रपति बनने के बाद वह जो बाइडेन प्रशासन के उन अधिकारियों की जांच कराएंगे, जिनके द्वारा उन्हें निशाना बनाया गया. इस निर्णय का उद्देश्य इन लोगों को डोनाल्ड ट्रंप के नेतृत्व वाले प्रशासन से बचाना है, जो प्रतिशोध की कार्रवाई कर सकती है.
मशहूर फिजिशियन साइंटिस्ट और इम्यूनोलॉजिस्ट डॉ. फाउची कोविड-19 महामारी के दौरान राष्ट्रपपति जो बाइडेन के प्रमुख सलाहकार थे. उन्हें कोरोना महामारी के दौरान फेस मास्क जैसे उपायों को बढ़ावा देने और वायरस को लेकर निराधार दावों को खारिज करने के लिए डोनाल्ड ट्रंप और उनके समर्थकों की तीखी आलोचना का सामना करना पड़ा था. ट्रंप समर्थक उन पर कोरोना महामारी के दौरान अमेरिकों की स्वतंत्रता बाधित करने का आरोप लगाया. बता दें कि अमेरिका में कोरोना वायरस के कारण लाखों मौतें हुई थीं. इसके बाद से ही डॉ. एंथनी फाउची, डोनाल्ड ट्रंप के निशान पर थे.
यह भी पढ़ें: डोनाल्ड ट्रंप की शपथ से पहले बाइडेन का बड़ा फैसला, डॉक्टर फाउची समेत इन लोगों को दी 'माफी'
अमेरिकी सेना के पूर्व जनरल मार्क मिले ने भी खुद को डोनाल्ड ट्रंप के निशाने पर पाया. उन्होंने ट्रंप को फासीवादी कहा था. कैपिटल हिल पर 6 जनवरी, 2021 को हुए हमले में पूर्व राष्ट्रपति की भूमिका की जांच करने वाली टीम को जनरल मार्क मिले ने घटना से संबंधित विवरण प्रदान किए थे. इस कारण ट्रंप और मिले के रिश्ते में और तनाव आ गया. वहीं कैपिटल हिल अटैक की जांच करने वाली समिति, जिसे '6 जनवरी कमिटी' के नाम से जाना जाता है, के सदस्यों को भी ट्रंप प्रशासन के दौरान बदले की र्कारवाई का सामना करना पड़ सकता था.
यह भी पढ़ें: ऐसी थी ट्रंप की जवानी... क्या गजब की जिंदगानी... फोटो में देखिए लाइफस्टाइल
क्योंकि इस कमिटी ने अपनी जांच रिपोर्ट में कहा था कि डोनाल्ड ट्रंप ने कैपिटल हिल हमले के लिए अपने समर्थकों को उकसाने के मकसद से चुनावों की पारदर्शिता और निष्पक्षता पर जानबूझकर झूठे दावे किए थे. समिति ने उनके खिलाफ अमेरिका के राजद्रोह कानून के तहत मुकदमा चलाने की सिफारिश की थी. क्योंकि चुनाव अभियान के दौरान ट्रंप ने अपने विरोधियों के साथ हिसाब बराबर करने की धमकी दी थी. जो बाइडेन का यह क्षमादान उन्हें किसी भी कार्रवाई से बचाने में मददगार साबित होगा.
अब से कुछ घंटे बाद डोनाल्ड ट्रंप अमेरिका के राष्ट्रपति पद की शपथ लेंगे. डोनाल्ड ट्रंप ने अपने शपथ ग्रहण से पहले साफ कर दिया है वह राष्ट्रपति के रूप में शपथ ग्रहण करते ही 100 महत्वपूर्ण फाइलों पर साइन करेंगे. हालांकि, उन्होंने पहले ही साफ कर दिया है कि वह बॉर्डर को मजबूत करेंगे. जैसा की उन्होंने अपने पहले कार्यकाल में किया था.
आज यानी 20 जनवरी को डोनाल्ड ट्रंप अमेरिका के 47वे राष्ट्रपति के रूप में शपथ लेंगे. अमेरिका के रहवासियों में ट्रंप के राष्ट्रपति बनने पर गजब का उत्साह दिखाई दे रहा है. शपथ समारोह को देखते हुए वॉशिंगटन डीसी के कैपिटल हिल में सुरक्षा बेहद सख्त है. दुनिया के सबसे शक्तिशाली देश के इतिहास का सबसे बड़ा शपथग्रहण समारोह आज रात 10.30 बजे (भारतीय समय) होने वाला है.
डोनाल्ड ट्रंप के शपथ ग्रहण से पहले वॉशिंगटन डीसी में कड़ा पहरा है. पुलिसकर्मियों की गाड़ियां लगातार पूरे इलाके की रेकी कर रही हैं. सबसे कड़ा पहरा कैपिटल हिल बिल्डिंग के बाहर है, जिसमें डोनाल्ड ट्रंप का शपथ ग्रहण समारोह होना है. इस बीच आज तक की टीम वॉशिंगटन डीसी में तैनात है. पढ़िए, रोहित शर्मा की ग्राउंड रिपोर्ट...
ट्रंप के राष्ट्रपति बनने के भारतीय अमेरिकी समुदाय के लिए क्या मायने हैं? इस सवाल के जवाब में लंबे समय से अमेरिका में रह रहे भारतीय मूल के एक शख्स ने बताया कि हमारे ख्याल से आज हिंदू जाग गया है और हिंदुओं ने ट्रंप को वोट किया है. अमेरिका की अर्थव्यवस्था पर भारत के डॉक्टर, इंजीनियर और आईटी प्रोफेशनल का बहुत योगदान रहा है. हम चाहते हैं कि भारत और अमेरिका के संबंध अच्छे बने रहे.
बैठक में संयुक्त राष्ट्र, वैश्विक आतंकवाद निरोधक मंच (GCTF) और वित्तीय कार्रवाई कार्य बल (FATF) जैसे बहुपक्षीय मंचों में आपसी सहयोग की आवश्यकता पर भी जोर दिया गया. साथ ही वर्तमान द्विपक्षीय समझौतों की प्रगति की भी समीक्षा की गई, जिसमें दोनों देशों के बीच रणनीतिक साझेदारी को गहरा करने पर प्रकाश डाला गया.
डोनाल्ड ट्रंप वॉशिंगटन पहुंच चुके हैं, वो फ्लोरिडा से स्पेशल विमान से परिवार समेत वॉशिंगटन पहुंचे. इस फ्लाइट को स्पेशल एयर मिशन-47 नाम दिया गया था. मिशन-47 का मतलब है कि डोनाल्ड ट्रंप अमेरिका के 47वें राष्ट्रपति होंगे. ट्रंप के शपथ ग्रहण को लेकर एक तरफ उनके विरोधी गुस्से में हैं, जबकि उनके समर्थक निराश हैं. निराशा की वजह संसद के अंदर होने वाला शपथ ग्रहण है.