डॉ. अब्दुल कलाम ने मदरसा, कुरान और मुसलमानों के बारे में ऐसा कभी नहीं कहा
The Quint
Dr APJ Abdul Kalam Fact Check। डॉ. अब्दुल कलाम ने मदरसा, कुरान और मुसलमान के बारे में ऐसा कभी नहीं कहा। उन्होंने धर्म में कभी हस्तक्षेप नहीं किया। Dr. Abdul Kalam never said this about Madrasa, Quran and Muslim। He never interfered in religion
सोशल मीडिया पर एक न्यूजपेपर की कटिंग शेयर हो रही है. कटिंग में लिखा हुआ है कि मदरसों में कुरान का इस्तेमाल धार्मिक असहिष्णुता पढ़ाने के लिए किया जाता है. साथ ही, उन पर प्रतिबंध लगाने की बात की जा रही है.फोटो में ऊपर लिखी बात के लिए दिवंगत पूर्व राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम को कोट किया गया है.हालांकि, ऐसा कोई भी पब्लिक रिकॉर्ड या न्यूज रिपोर्ट नहीं है, जिसमें कलाम को कोट करते हुए ऐसा लिखा हो. हमने कलाम के पोते से संपर्क किया. उन्होंने हमें बताया कि ''कलाम ने कभी भी धर्म में हस्तक्षेप नहीं किया.''दावान्यूजपेपर की कटिंग की फोटो सोशल मीडिया पर काफी शेयर की जा रही है. फोटो में डॉ. कलाम की तस्वीर दिख रही है, जिसके नीचे लिखा है: "मुसलमान पैदायशी आतंकवादी नहीं होते, उन्हें मदरसों में कुरान पढ़ाई जाती है,जिसके अनुसार वे हिन्दू, बौद्ध, सिख, इसाई, यहूदी और गैर-मुसलमानों को चुन-चुन कर मारते हैं। आतंकवाद पर नियंत्रण के लिए भारत में चल रहे हजारों मदरसों पर प्रतिबंध लगाना बेहद जरूरी है। ए.पी.जे.अब्दुल कलाम"पोस्ट का आर्काइव देखने के लिए यहां क्लिक करें(सोर्स: स्क्रीनशॉट/फेसबुक)आर्टिकल लिखते समय तक, फेसबुक यूजर Jyotsna Lath के इस पोस्ट को 2,200 से भी ज्यादा लाइक और 14,000 से ज्यादा शेयर मिल चुके हैं.ADVERTISEMENTइस पोस्ट को सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म्स पर काफी लोगों ने शेयर किया है. इनमें से कुछ के आर्काइव आप यहां, यहां और यहां देख सकते हैं.हमें बीते सालों जैसे कि 2015, 2019 और 2020 में भी किए गए ऐसे पोस्ट मिले. क्विंट की WhatsApp टिपलाइन पर भी इस दावे से जुड़ी क्वेरी आई है.ADVERTISEMENTपड़ताल में हमने क्या पायाहमें ऐसी कोई न्यूज रिपोर्ट या पब्लिक डॉक्युमेंट/रिकॉर्ड नहीं मिला, जिसमें डॉ. कलाम को कोट करते हुए ऐसा लिखा गया हो.हालांकि, गूगल पर समय वाला फिल्टर इस्तेमाल कर सर्च करने पर हमें 14 दिसंबर 2014 का एक ब्लॉगपोस्ट मिला. इसका टाइटल था 'कंप्यूटर और कुरान'. इसे एलआर गांधी के नाम से लिखा गया था. ये ब्लॉगपोस्ट डॉ. कलाम के निधन से करीब 6 महीने पहले पब्लिश हुआ था.इस ब्लॉगपोस्ट में दावे में शेयर हो रही लाइनें हूबहू लिखी हुई थीं, जिसे डॉ. कलाम को कोट कर लिखा गया था.इस दावे का सबसे पुराना वर्जन इस ब्लॉगपोस्ट में था(फोटो: GandhiLR/Blogspot/Altered by The Quint)क्विंट ने डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम के पोते एपीज...More Related News