डॉक्टर साहब, हमारे कन्हैया को देख लीजिए, जल तो नहीं गए... भगवान की मूर्ति लेकर अस्पताल पहुंची महिला
AajTak
मध्य प्रदेश के दतिया में एक महिला रात 11 बजे अपने पति के साथ जिला अस्पताल पहुंची. इस दौरान महिला के हाथ में भगवान कृष्ण की मूर्ति थी. महिला ने डॉक्टर से कहा कि मेरे कन्हैया झुलस गए हैं, बीमार हैं, इन्हें देख लीजिए. जब डॉक्टर ने महिला की बात सुनी तो वे हैरान रह गए.
दुनिया में भगवान और भक्त का रिश्ता सबसे अनूठा होता है. मध्य प्रदेश के दतिया में भगवान कृष्ण की एक महिला भक्त भगवान की मूर्ति लेकर इलाज कराने अस्पताल पहुंच गई. दरअसल, मंदिर में दीपक जलाने के दौरान भगवान झुलस गए थे, इसको लेकर महिला अपने पति के साथ रात में ही इमरजेंसी में पहुंची. पहले तो डॉक्टर को कुछ समझ नहीं आया, इसके बाद डॉक्टर ने महिला की आस्था का सम्मान करते हुए मूर्ति को देखा और कहा कि ये बिल्कुल ठीक हैं.
भगवान के प्रति अगाध प्रेम और आस्था का ये मामला दतिया जिले का है. दतिया जिला अस्पताल में रात 11 बजे एक महिला अपने पति के साथ पहुंची थी. महिला के साथ भगवान की मूर्ति थी. उस समय अस्पताल के ट्रामा सेंटर में डॉ. आशुतोष आर्य ड्यूटी पर थे.
कृष्ण भक्त महिला जब इमरजेंसी में वहां पहुंची तो डॉक्टर खुद चलकर महिला के पास आ गए. डॉक्टर ने देखा कि महिला के हाथ में भगवान कृष्ण के बाल रूप की मूर्ति थी. महिला ने डॉक्टर आशुतोष से कहा कि मैं पड़री ग्राम से आई हूं. हमारे कृष्ण कन्हैया कुछ जल गए हैं. बीमार हैं, इन्हें देख लीजिये. महिला जब घर के मंदिर में भगवान की पूजा कर रही थी, तभी दीपक जलाते समय भगवान झुलस गए.
महिला की आस्था को देख डॉक्टर बोले- आपके कन्हैया बिल्कुल ठीक हैं
डॉक्टर ने जब महिला की बात सुनी तो वे हैरान रह गए. इसके बाद उन्होंने महिला की भगवान में आस्था का सम्मान करते हुए उसके बाल गोपाल को देखा और महिला से कहा कि उसके कन्हैया बिलकुल ठीक हैं. इसके बाद डॉक्टर ने महिला को वापस भेज दिया.
इस दौरान जब डॉक्टर ने भगवान को ठीक से देखा, तभी महिला भी संतुष्ट हुई. इस कृष्ण भक्त महिला का नाम संजनी यादव है, जो ग्राम पड़री से अस्पताल पहुंची थीं. संजनी कृष्ण भक्ति में डूबी रहती हैं.
मणिपुर हिंसा को लेकर देश के पूर्व गृहमंत्री पी चिदंबरम खुद अपनी पार्टी में ही घिर गए हैं. उन्होंने मणिपुर हिंसा को लेकर एक ट्वीट किया था. स्थानीय कांग्रेस इकाई के विरोध के चलते उन्हें ट्वीट भी डिलीट करना पड़ा. आइये देखते हैं कि कांग्रेस का केंद्रीय नेतृत्व क्या मणिपुर की हालिया परिस्थितियों को समझ नहीं पा रहा है?
महाराष्ट्र में तमाम सियासत के बीच जनता ने अपना फैसला ईवीएम मशीन में कैद कर दिया है. कौन महाराष्ट्र का नया मुख्यमंत्री होगा इसका फैसला जल्द होगा. लेकिन गुरुवार की वोटिंग को लेकर सबसे ज्यादा चर्चा जनता के बीच चुनाव को लेकर उत्साह की है. जहां वोंटिग प्रतिशत में कई साल के रिकॉर्ड टूट गए. अब ये शिंदे सरकार का समर्थन है या फिर सरकार के खिलाफ नाराजगी.