
डॉक्टर के डॉक्युमेट्स चुराए… फिर शुरू हुआ गर्भवती महिलाओं की सोनोग्राफी का खेल, आरोपी हुआ फरार
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राजस्थान के चूरू में फर्जी डॉक्टर ने सैकड़ों गर्भवती महिलाओं के जीवन के साथ खिलवाड़ किया. चिकित्सा विभाग के अधिकारियों की लापरवाही से चलता रहा फर्जीवाड़े का खेल. कार्यवाही के बाद भी चिकित्सा विभाग को नहीं पता चल पाया फर्जी डॉक्टर का नाम पता. सोनोग्राफी मशीन को सीज कर चिकित्सा विभाग ने मामले में की खानापूर्ति.
पिछले तीन दशकों में बड़े पैमाने पर कन्या भ्रूण हत्या का कुप्रभाव गिरते लिंगानुपात और विवाह योग्य लड़कों के लिए वधुओं की कमी के रूप में सामने आया है. यह मानवता और विशेष रूप से समूची स्त्री जाति के खिलाफ किया जाना वाला सबसे जघन्य अपराध है. कन्या भ्रूण हत्या के अभिशाप को रोकने के लिए अब भारत में सख्त कानून है.
इसी का नतीजा है कि PCPNDT अधिनियम जैसे सख्त कानून के चलते कहीं न कहीं विगत कुछ वर्षों में कन्या भ्रूण हत्या पर लगाम लगाई जा सकी है. इस बीच सरदारशहर में एक बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है. यहां पर राजकीय अस्पताल के पीछे स्थित शेखावाटी डायग्नोस्टिक सेंटर में एक फर्जी डॉक्टर लंबे समय तक गर्भवती महिलाओं की जिंदगी के साथ खेलता रहा.
किसी डॉक्टर के दस्तावेज चुरा कर ली मान्यता
शेखावाटी डायग्नोस्टिक में एक व्यक्ति ने तेलंगाना राज्य में काम कर रहे डॉ. प्रवीण कुमार अजमेरा के डॉक्युमेंट चुराए. इसके बाद फर्जी तरीके से सीएमएचओ को अपने डॉक्युमेंट दिखाकर सोनोग्राफी करने की परमिशन ले ली. इसके बाद से लगातार यह फर्जी डॉक्टर सरदारशहर के ताल मैदान के पीछे स्थित शेखावाटी डायग्नोस्टिक सेंटर में सोनोग्राफी करता रहा.
यह खेल कहीं न कहीं शेखावाटी डायग्नोस्टिक सेंटर और चिकित्सा विभाग के अधिकारियों की मिली भगत के चलता रहा. दरअसल, सोनोग्राफी को लेकर पीसीपीएनडीटी एक्ट काफी सख्त है. इस एक्ट के तहत डॉक्टर को व्यक्तिगत रूप से चिकित्सा विभाग के अधिकारी के सामने प्रस्तुत होना पड़ता है. अपने डॉक्युमेंट का वेरिफिकेशन करवाना होता है.
ऐसे में किस आधार पर इस फर्जी डॉक्टर को परमिशन दी गई. यह बड़ा सवाल है. शेखावाटी डायग्नोस्टिक सेंटर में बिना किसी जानकारी के कैसे एक फर्जी डॉक्टर को अपने यहां काम पर रखा. यह भी बड़ा सवाल है. हालांकि, जिस फर्जी डॉक्टर ने अनगिनत सोनोग्राफी की, वह फर्जी डॉक्टर कौन था, इसका पता न तो चिकित्सा विभाग के अधिकारियों को है और न ही सेंटर चलाने वाले मालिक का पता है.

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