
डेल्टा वेरिएंट अल्फा से 50 फीसदी ज्यादा संक्रामक, स्टडी से हुआ खुलासा
ABP News
कोरोना की दूसरी लहर में मौतों की संख्या निश्चित रूप से अधिक है, लेकिन इसे डेल्टा वेरिएंट से नहीं जोड़ा गया है. आधिकारिक तौर पर, 1 अप्रैल से 45 दिनों में एक लाख तीस हजार मौतें हुईं.
नई दिल्ली: भारत में सबसे पहले मिलने वाले कोरोना वेरिएंट का नाम विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने ‘डेल्टा वेरिएंट’ रखा है. 12 मई को इस वेरिएंट की पहचान B.1.617 से की गई थी. नेशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड इंसाकॉग का कहना है कि ये डेल्टा वेरिएंट अल्फा वेरिएंट (B.1.117) की तुलना में 40-50 फीसदी ज्यादा तेजी से प्रसारित होता है. स्टडी में शामिल एक शीर्ष वैज्ञानिक ने इकनॉमिक्ट टाइम्स को बताया, "हमारे आंकलन में अब तक पाया गया है कि डेल्टा वेरिएंट अल्फा की तुलना में ट्रांसमिशन के मामले में कम से कम 40-50 फीसदी तेज है. यह दूसरी लहर में भारत में कोविड मामलों में तेजी से बढ़ोतरी की वजह है. 10 दिनों में सकारात्मकता दर 10% से बढ़कर 20% या उससे भी अधिक हो गया." दूसरी लहर में मौतों की संख्या निश्चित रूप से अधिक है, लेकिन इसे डेल्टा वेरिएंट से नहीं जोड़ा गया है. आधिकारिक तौर पर, 1 अप्रैल से 45 दिनों में एक लाख तीस हजार मौतें हुईं.More Related News