डेल्टा प्लस वैरिएंट: सरकार ने आठ राज्यों, केंद्रशासित प्रदेशों से रोकथाम उपाय करने को कहा
The Wire
केंद्र सरकार ने कहा है कि कोविड-19 के डेल्टा प्लस वैरिएंट के 51 मामले 12 राज्यों में सामने आए हैं और उनमें से सबसे अधिक 22 मामले महाराष्ट्र से आए हैं. सरकार ने ज़ोर दिया कि कोविशील्ड एवं कोवैक्सीन टीके सार्स-सीओवी-2 के अल्फा, बीटा, गामा एवं डेल्टा स्वरूपों के विरूद्ध प्रभावी हैं. वहीं, असम और महाराष्ट्र में डेल्टा स्वरूप से एक-एक मरीज़ की मौत होने की पुष्टि हुई है.
नई दिल्ली: केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने शुक्रवार को आठ राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों से उन जिलों में प्राथमिकता के आधार पर टीकाकरण बढ़ाने के साथ ही भीड़ को रोकने, व्यापक जांच करने जैसे रोकथाम उपाय करने का आग्रह किया है, जहां कोरोना वायरस के डेल्टा प्लस (Delta+) स्वरूप का पता चला है. केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने तमिलनाडु, राजस्थान, कर्नाटक, पंजाब, आंध्र प्रदेश, जम्मू कश्मीर, गुजरात और हरियाणा को लिखे पत्रों में इन उपायों का सुझाव दिया है. उन्होंने राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों से यह सुनिश्चित करने का भी आग्रह किया कि कोविड-19 संक्रमित पाए गए लोगों के पर्याप्त नमूने तत्काल भारतीय सार्स-सीओवी-2 जीनोमिक कंसोर्टिया (आईएनएसएसीओजी) की निर्दिष्ट प्रयोगशालाओं में भेजे जाएं, ताकि क्लीनिकल महामारी विज्ञान संबंधी सहसंबंध स्थापित किए जा सकें. भूषण ने कहा कि सार्स-सीओवी-2 का डेल्टा प्लस स्वरूप आंध्र प्रदेश के तिरुपति जिले, गुजरात के सूरत, हरियाणा के फरीदाबाद, जम्मू कश्मीर के कटरा, राजस्थान के बीकानेर, पंजाब के पटियाला और लुधियाना, कर्नाटक के मैसूरु तथा तमिलनाडु में चेन्नई, मदुरै और कांचीपुरम में पाया गया है.More Related News