डीयू: बीए ऑनर्स पाठ्यक्रम से हटाई गईं तीन लेखकों की कृतियों को वापस लेने की मांग
The Wire
दिल्ली विश्वविद्यालय शैक्षणिक परिषद ने पिछले महीने बीए के अंग्रेज़ी ऑनर्स पाठ्यक्रम में बदलावों को मंज़ूरी देते हुए महाश्वेता देवी की लघुकथा ‘द्रौपदी’ सहित दो दलित महिला लेखकों बामा और सुकीरथरिणी की कृतियों को हटा दिया था. इन्हें पाठ्यक्रम में वापस शामिल करने की मांग के साथ 1,150 से अधिक शिक्षाविदों, लेखकों और संगठनों ने संयुक्त बयान जारी किया है.
नई दिल्लीः दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) के अंग्रेजी ऑनर्स के पाठ्यक्रम से हटाई गईं तीन लेखकों की कृतियों को वापस पाठ्यक्रम में शामिल करने की मांग के साथ 1,150 से अधिक शिक्षाविदों, लेखकों और संगठनों ने बयान जारी किया है. जिन लेखकों की कृतियां हटाई गई हैं, वे बामा, सुकीरथरिणी और महाश्वेता देवी हैं. डीयू ने अगस्त में घोषणा की थी कि वह महाश्वेता देवी की लघुकथा ‘द्रौपदी’, सुकीरथरिणी की दो कविताओं और बामा की रचना ‘संगति’ के संकलन को पाठ्यक्रम से हटा रहा है. पत्र लिखने वाले प्रबुद्ध लोगों का मानना है कि इन लेखिकाओं का यह लेखन छात्रों के लिए पढ़ना बहुत जरूरी है. दरअसल इस लेखन के जरिये पूर्व और मौजूदा समय में भारत के भेदभावपूर्ण सामाजिक-सांस्कृतिक वास्तविकताओं को सामने लाया गया है. इस संबंध में बयान जारी कर कहा गया, ‘बामा और सुकीरथरिणी समकालीन भारत में दलित महिलाओं के रूप में अपने अनुभवों को स्पष्टता से पेश करती हैं. इन कृतियों के जरिये लेखकों ने उजागर किया है कि किस तरह जाति उत्पीड़न, पितृसत्ता के साथ मिलकर लैंगिक उत्पीड़न और शोषण को जन्म देता है.’More Related News