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डिंपल संभालेंगी मुलायम की विरासत, मैनपुरी उपचुनाव के लिए सपा ने बनाया उम्मीदवार
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उत्तर प्रदेश की मैनपुरी लोकसभा सीट पर हो रहे उपचुनाव के लिए समाजवादी पार्टी (सपा) ने अपने प्रत्याशी का ऐलान कर दिया है. मुलायम सिंह यादव की विरासत को अब डिंपल यादव संभालेंगी. पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने पत्नी डिंपल यादव को मैदान में उतारा है.
समाजवादी पार्टी (सपा) ने मैनपुरी लोकसभा उपचुनाव के लिए प्रत्याशी का ऐलान कर दिया है. पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की पत्नी और पूर्व सांसद डिंपल यादव चुनाव लड़ेंगी. यह सीट मुलायम सिंह यादव के निधन के बाद खाली हुई है. मैनपुरी सीट पर यादव परिवार का कई दशकों से कब्जा है. मुलायम सिंह यादव की राजनीतिक विरासत को अब डिंपल यादव संभालेंगी.
44 वर्षीय डिंपल यादव ने अपना पहला चुनाव 2009 में लड़ा था, जब अखिलेश यादव ने फिरोजाबाद सीट छोड़ी थी. इस उपचुनाव में डिंपल यादव को मशहूर अभिनेता और राजनेता राज बब्बर को हाथों शिकस्त का सामना करना पड़ा था. इसके बाद 2012 में कन्नौज लोकसभा सीट पर उपचुनाव हुआ था, जिसमें डिंपल यादव निर्विरोध जीत गई थीं.
इसके बाद 2014 के लोकसभा चुनाव में भी डिंपल यादव ने कन्नौज से चुनाव लड़ा और जीतीं, लेकिन 2019 में उन्हें हार का सामना करना पड़ा था. बीजेपी के सुब्रत पाठक ने डिंपल यादव को करीब 10 हजार वोटों से हरा दिया था. अब अखिलेश यादव ने डिंपल को मैनपुरी से चुनाव मैदान में उतारा है. इस सीट पर 1996 से ही सपा जीतती हुई आई है.
मैनपुरी सीट का मतलब यादव परिवार
मैनपुरी सीट का जब भी जिक्र आता है तो यादव परिवार का जिक्र लाजिमी है. 1996 में मुलायम सिंह यादव इसी सीट से लोकसभा पहुंचे थे. इसके बाद 1998 और 1999 का चुनाव सपा के टिकट पर बलराम यादव ने जीता था. 2004 में मुलायम सिंह यादव एक बार फिर जीते, लेकिन कुछ दिन बाद ही मुख्यमंत्री बनने के कारण मुलायम सिंह यादव ने सीट छोड़ दी. इसके बाद हुए उपचुनाव में धर्मेंद्र यादव जीते थे.
2009 के लोकसभा चुनाव में मुलायम सिंह यादव फिर जीते. इसके बाद 2014 का लोकसभा चुनाव मुलायम सिंह यादव ने दो सीटों (मैनपुरी और आजमगढ़) लड़ा और दोनों पर जीत हासिल की. फिर मुलायम सिंह ने मैनपुरी सीट छोड़ दी, जिस पर हुए उपचुनाव में तेज प्रताप यादव जीते थे. 2019 के लोकसभा चुनाव में मुलायम फिर मैनपुरी सीट से जीते थे.
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