ट्रंप की वापसी बनी जस्टिन ट्रूडो के इस्तीफे का कारण? इस गलती से चली गई कनाडा की सत्ता
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जस्टिन ट्रूडो के कनाडा की सत्ता से बाहर होने के यूं तो कई कारण बताए जा रहे हैं जिसमें पार्टी की आंतरिक बगावत भी शामिल है. लेकिन ट्रूडो के इस्तीफे के पीछे एक वजह अमेरिका की सत्ता में डोनाल्ड ट्रंप की वापसी मानी जा रही है.
कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. सोमवार 6 जनवरी से ही उनके इस्तीफे देने की खबरों ने जोर पकड़ा हुआ था, इसी बीच उन्होंने प्रधानमंत्री पद छोड़ने का ऐलान कर दिया. जस्टिन ट्रूडो के कनाडा की सत्ता से बाहर होने के यूं तो कई कारण बताए जा रहे हैं जिसमें पार्टी की आंतरिक बगावत भी शामिल है. लेकिन ट्रूडो के इस्तीफे के पीछे एक वजह अमेरिका की सत्ता में डोनाल्ड ट्रंप की वापसी भी मानी जा रही है.
दरअसल, जबसे ट्रंप ने अमेरिका का चुनाव जीता है तबसे ही वह जस्टिन ट्रूडो को ट्रोल कर रहे थे. कभी ट्रंप अपनी दूसरी सरकार में कनाडा के ऊपर 25 फीसदी टैरिफ लगाने की धमकी दे रहे थे तो कभी वह कनाडा को अमेरिका का 51वां राज्य बताते हुए जस्टिन ट्रूडो को वहां का गवर्नर बता रहे थे.
चुनाव में जीत के बाद एक बार भी ट्रंप ने ट्रूडो को एक राष्ट्र का नेता नहीं बताया बल्कि हर बार उन्हें अमेरिकी राज्य का गवर्नर कहकर संबोधित किया. इतना ही नहीं, जब ट्रूडो अमेरिका में ट्रंप से मिलने पहुंचे तो ट्रंप ने मुलाकात की फोटो शेयर की थी और इसमें भी ट्रूडो को 'अमेरिकी राज्य कनाडा' का गवर्नर बताया था.
ट्रूडो के इस्तीफे का ट्रंप ने लिया क्रेडिट
खास बात है कि जैसे ही कनाडा के प्रधानमंत्री ने अपने पद से इस्तीफा दिया तो ट्रंप ने कनाडा को अपना 51वां राज्य बनाने का ऑफर भी दे दिया. ट्रंप ने ट्रूडो के इस्तीफे के बाद सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट शेयर की.
डोनाल्ड ट्रंप ने पोस्ट में कहा, "कनाडा में मौजूद काफी लोग देश को अमेरिका के 51वें स्टेट के तौर पर चाहते हैं. अमेरिका अब भारी व्यापार घाटे और सब्सिडी को सहन नहीं कर सकता, जिसकी कनाडा को अपनी अर्थव्यवस्था को बचाए रखने के लिए जरूरत है. जस्टिन ट्रूडो को यह बात पता थी और उन्होंने इस्तीफा दे दिया."
कनाडा की छवि दुनिया में बदल रही है. जस्टिन ट्रूडो की नीतियों ने देश को आतंकवादियों का पसंदीदा स्थान बना दिया है. अमेरिका भी चिंतित है कि आतंकवादी कनाडा से उसकी सीमा में घुस सकते हैं. कनाडा में इस्लामी आतंकवादी समूह हिज्ब उत-तहरीर की बैठक होने जा रही है, जिसमें गैर-मुस्लिम देशों को हराने की रणनीति बनाई जाएगी. VIDEO
प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के इस्तीफे के बाद खबर आ रही है कि कनाडा में जल्द ही इस्लामिक आतंकी संगठन हिज्ब उत तहरीर एक कॉन्फ्रेंस करने करने जा रहा है. यह खलीफा कॉन्फ्रेंस 18 जनवरी 2025 को कनाडा के मिसिसॉगो में आयोजित की जाएगी. यह कॉन्फ्रेंस इस्लामिक खिलाफत की बहाली और शरिया कानून लागू करने को बढ़ावा देने के उद्देश्य से आयोजित की जाएगी.
पिछले साल 2024 में ईरान में 901 लोगों को फांसी दी गई, जिनमें 31 महिलाएं भी शामिल थीं. इनमें से अधिकांश ड्रग से संबंधित अपराधों के लिए फांसी चढ़ाए गए, जबकि कुछ राजनीतिक असंतोष और महसा अमिनी की मौत के विरोध प्रर्दशनों में शामिल थे. फांसी की सजा पाने वाली एक महिला ऐसी भी थी जिसने अपनी बेटी को रेप से बचाने के लिए पति की हत्या कर दी थी.
कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. उन्होंने खालिस्तानी आतंकवादियों का समर्थन करके भारत के साथ रिश्तों को बिगाड़ा था. ट्रूडो की लोकप्रियता गिर चुकी थी और उनकी लिबरल पार्टी में आंतरिक कलह थी. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भी ट्रूडो की आलोचना की. अब कनाडा में नए नेता के चुनाव की प्रक्रिया शुरू होगी. ट्रूडो के इस्तीफे से कनाडा की राजनीति में बड़ा बदलाव आ सकता है.
करीब 2 दशक पहले कजाकिस्तान दुनिया का पहला ऐसा देश बना, जिसने न्यूक्लियर वेस्ट के आयात पर हामी भर दी. आसान ढंग से कहें तो जिस जहरीले कचरे से दुनिया के बाकी देश खौफ खाते हैं, वो उसे अपनी जमीन पर रखेगा. इसके बदले उसे भारी पैसे मिलने वाले थे, जो कि तभी-तभी आजाद हुए गरीब मुल्क के लिए निहायत जरूरी था. लेकिन फिर कुछ बदला, और कजाकिस्तान एकदम से बिदक गया.