
'ट्रंप की टैरिफ ब्लैकमेलिंग, आखिर तक लड़ेंगे', 104% Tariff के बाद चीन का ऐलान
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यूरोपियन कमीशनआयोग की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन के साथ बातचीत के दौरान, चीनी प्रधानमंत्री ली कियांग ने कहा कि उनका देश किसी भी नकारात्मक बाहरी झटके को संतुलित करने में पूरी तरह से सक्षम है. उन्होंने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति द्वारा लागू किए गए 50 प्रतिशत अतिरिक्त टैरिफ के बावजूद, चीन का आर्थिक विकास निरंतर जारी रहेगा.
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा चीन से आयातित सभी वस्तुओं पर 104 प्रतिशत टैरिफ लगाने के बाद चीन और अमेरिका एक व्यापक ट्रेड वॉर की ओर बढ़ गए हैं. चीन ने अमेरिका की इस आक्रामकता के खिलाफ अंत तक लड़ने की कसम खाई है. शुरू में ट्रंप ने चीनी वस्तुओं पर 34 प्रतिशत अतिरिक्त टैरिफ लगाया, जिसके जवाब में बीजिंग ने भी अमेरिकी उत्पादों पर 34 प्रतिशत का जवाबी टैरिफ लगा दिया. इससे चिढ़कर डोनाल्ड ट्रंप ने चीन पर और 50 प्रतिशत टैरिफ लगा दिया. इस तरह अमेरिका द्वारा चीनी आयात पर अब 104 प्रतिशत टैरिफ चार्ज किया जा रहा है.
चीन ने अमेरिका के इस कदम को ब्लैकमेलिंग बताया और इसकी कड़ी निंदा की. बीजिंग ने कहा कि ट्रंप प्रशासन द्वारा शुरू किए गए इस ट्रेड वॉर के खिलाफ वह अंत तक लड़ेगा. यूरोपियन कमीशनआयोग की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन के साथ बातचीत के दौरान, चीनी प्रधानमंत्री ली कियांग ने कहा कि उनका देश किसी भी नकारात्मक बाहरी झटके को संतुलित करने में पूरी तरह से सक्षम है. उन्होंने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति द्वारा लागू किए गए 50 प्रतिशत अतिरिक्त टैरिफ के बावजूद, चीन का आर्थिक विकास निरंतर जारी रहेगा.
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चीन अनिश्चितताओं के लिए पूरी तरह तैयार
राष्ट्रपति शी जिनपिंग के 'नंबर 2' प्रधानमंत्री ली कियांग ने कहा कि इस वर्ष चीन की आर्थिक नीतियों ने विभिन्न अनिश्चितताओं को पूरी तरह से ध्यान में रखा है. उन्होंने अमेरिका के सभी व्यापारिक साझेदारों पर ट्रंप के रेसिप्रोकल टैरिफ को एकतरफावाद, संरक्षणवाद और आर्थिक दबाव का एक विशिष्ट उदाहरण बताया है. उन्होंने कहा कि अमेरिकी टैरिफ पर चीन की दृढ़ प्रतिक्रिया न केवल अपने हितों की रक्षा के लिए है, बल्कि अंतरराष्ट्रीय व्यापार नियमों की रक्षा के लिए भी है. ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक, ली कियांग ने वॉन डेर लेयेन से कहा, 'संरक्षणवाद कहीं नहीं ले जाता- खुलापन और सहयोग ही सभी के लिए सही रास्ता है.'
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अमेरिका ने ईरान पर हमला किया और फिर सीज़फायर का ऐलान किया, लेकिन अमेरिकी मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार ईरान का परमाणु कार्यक्रम कुछ ही महीनों में फिर से हथियार बना सकता है. अमेरिकी राष्ट्रपति ने ईरान के परमाणु ठिकानों के 'पूरी तरह से जो नुक्लेअर परमाणु वहाँ पर फसिलटीज़ है ईरान की पूरी तरह से तबाह नष्ट हो जाना खत्म हो जाना मिटा देना' का दावा किया था, जो उनकी ही सरकार की गुप्त रिपोर्ट में गलत साबित हुआ.

अमेरिकी राष्ट्रपति ने ईरान के परमाणु ठिकानों को 'ओबलिटेरटेड' यानी पूरी तरह तबाह करने का दावा किया था। हालांकि, न्यूयॉर्क टाइम्स और सीएनएन जैसे प्रतिष्ठित अमेरिकी मीडिया संस्थानों ने पेंटागन की एक गुप्त रिपोर्ट के हवाले से बताया है कि ईरान के परमाणु कार्यक्रम को बहुत कम नुकसान हुआ है और यह सिर्फ कुछ महीने पीछे हुआ है।

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