ट्यूशन टीचर ने की पिटाई, अब जिंदगी के लिए लड़ रही बच्ची, परिजन बोले- इलाज का खर्च दिया जाए
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टीचर की पिटाई के कारण बच्ची की हालत बिगड़ गई है, और इसके लिए क्लास की टीचर और मैनेजमेंट को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है. बच्ची के चाचा ने मांग की है कि दोषियों पर कड़ी कार्रवाई हो और इलाज का खर्च दिया जाए.
महाराष्ट्र के पालघर जिले के वसई तालुका में कई स्कूल और कोचिंग क्लासेज अनाधिकृत रूप से संचालित हो रहे हैं. किसी का कोई नियंत्रण नहीं है. इस कारण छात्र -छात्रों की सुरक्षा का सवाल गंभीर हो गया है. नालासोपारा के ओसवाल नगर में अरीना क्लासेस में एक बच्ची शरारत कर रही थी, इसलिए टीचर रीना सिंह ने मामूली कारण पर उसके कान के पास थप्पड़ मार दिया, जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गई. उसे मुंबई के अस्पताल में ICU में इलाज के लिए भर्ती कराया गया है. इस मामले में तुलिंज पुलिस स्टेशन में केस दर्ज किया गया है और टीचर को पुलिस ने नोटिस दिया है. हालांकि, तीन दिन बीत जाने के बाद भी शिक्षिका की गिरफ्तारी नहीं हुई, जिससे नाराजगी जताई जा रही है.
परिवार ने बताया कि टीचर की पिटाई के कारण बच्ची की हालत बिगड़ गई है, और इसके लिए क्लास की टीचर और मैनेजमेंट को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है. बच्ची के चाचा ने मांग की है कि दोषियों पर कड़ी कार्रवाई हो और इलाज का खर्च दिया जाए.
दीपिका के पिता अंबाराम ने कहा, "मेरी बेटी का ICU में इलाज चल रहा है. वह वेंटिलेटर पर है. रोजाना इलाज का खर्च 25,000 रुपये है. हमारी आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है, इसलिए हम सामाजिक संस्थाओं से मदद मांग रहे हैं. मेरी बेटी को पीटने वाली शिक्षिका पर कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए."
इस बीच, इस मामले में तुलिंज पुलिस स्टेशन में रत्ना सिंह के खिलाफ धारा 125(अ)(ब) और बाल न्याय (बच्चों की देखभाल और सुरक्षा) अधिनियम 75 के तहत मामला दर्ज किया गया है. पुलिस उपनिरीक्षक विनोद वायंगणकर ने बताया कि हमने संबंधित टीचर को नोटिस भेजा है और आगे की जांच जारी है.
वहीं, जब अरीना क्लासेस के संचालकों ने बच्ची पिटाई करने से इनकार कर दिया और अपना पल्ला झाड़ लिया. हालांकि, उन्होंने कैमरे के सामने बात करने से मना कर दिया.
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