
टोक्यो ओलंपिक: मणिपुर से क्यों निकलते हैं इतने ज़्यादा ओलंपिक स्तर के खिलाड़ी?
BBC
टोक्यो ओलंपिक में अकेले मणिपुर के छह खिलाड़ियों ने भारत का प्रतिनिधित्व किया है. पहले भी मणिपुर से कई अंतरराष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी निकले हैं. क्या है मणिपुर की मिट्टी में?
भारत की आबादी में केवल 0.24 प्रतिशत हिस्सेदारी रखने वाला मणिपुर राज्य साल 1984 से अभी तक लगभग 19 ओलंपिक स्तर के खिलाड़ियों को तैयार कर चुका है, जिन्होंने भारत का प्रतिनिधित्व किया है. अकेले टोक्यो ओलंपिक की बात करें, तो छह खिलाड़ी इस बार मणिपुर से ही चुने गए. ये हैं- मेरी कॉम (बॉक्सिंग), सुशीला चानू (महिला हॉकी खिलाड़ी), एस नीलकांता (पुरुष हॉकी), मीराबाई चानू (भारोत्तोलन), देवेंद्रो सिंह (बॉक्सिंग) और एल सुशीला देवी (जूडो). यही नहीं राष्ट्रीय खेलों में मणिपुर से खिलाड़ी अपना दम दिखाते रहते हैं. वर्ष 2017 में अंडर-17 फुटबॉल विश्वकप में हिस्सा लेने वाली भारतीय महिला और पुरुष टीम में कुल आठ खिलाड़ी मणिपुर के ही थे. जब बीबीसी की टीम टोक्यो ओलंपिक में पहली पदक (रजत) विजेता मीराबाई चानू के घर पहुँची थी, तो उस छोटे से गाँव (नांगपोक काकचिंग) में भी क़रीब हर युवा कोई न कोई खेल से जुड़ा मिला. फ़ुटबॉल की लोकप्रियता तो देखते ही बन रही थी.More Related News