
टोक्यो ओलंपिक: भारतीय निशानेबाज़ों के साथ आख़िर हो क्या रहा है?
BBC
भारतीय टीम के सपोर्ट स्टाफ़ में जो एक महत्वपूर्ण सदस्य नहीं है, वो है- विशेषज्ञ मनोवैज्ञानिक या मानसिक प्रशिक्षक. इसे लेकर कुछ जानकार हैरान हैं क्योंकि निशानेबाज़ी काफ़ी हद तक एक मनोवैज्ञानिक खेल भी है.
भारतीय निशानेबाज़ मनु भाकर और सौरभ चौधरी टोक्यो ओलंपिक के मिक्स्ड इवेंट में अपने प्रदर्शन में सुधार करने की कोशिश कर रहे थे लेकिन असाका शूटिंग रेंज में सभी चारों भारतीय टीमें फ़ाइनल में नहीं पहुँच पाईं. मनु भाकर और सौरभ चौधरी की टीम ने 10 मीटर एयर पिस्टल इवेंट में हिस्सा लिया और पहले क्वॉलिफ़िकेशन राउंड में वो पहले स्थान पर थे. लेकिन दूसरे क्वालिफ़िकेशन राउंड में वो सातवें नंबर पर रहे और मेडल पाने का मौका चूक गए क्योंकि सिर्फ़ टॉप-4 में आने वाले खिलाड़ियों को मेडल की स्पर्धा में शामिल होने का मौका मिलता है. सौरभ चौधरी ने 194 अंक जुटाए और मनु भाकर को सिर्फ़ 186 अंक ही मिल सके. भारत की दूसरी टीम यानी यशस्विनी देसवाल और अभिषेक वर्मा 20 टीमों की स्पर्धा में 17वें स्थान पर रहे. बाद में राइफ़ल शूटर्स भी क्वॉलिफ़ाइंग राउंड में बाहर हो गए.More Related News