'टॉप लीडरशिप में फेरबदल की जरूरत नहीं, तहे दिल से प्रयास कर रहे राहुल-प्रियंका', 5 राज्यों में हार पर बोले अधीर रंजन चौधरी
ABP News
अभिषेक मनु सिंघवी ने भविष्य के चुनावों में अपेक्षित परिणाम के लिए ‘पुनर्संरचना’ की आवश्यकता जताई और इस वर्ष के अंत में निर्धारित संगठनात्मक चुनाव पर जोर दिया.
कांग्रेस ने हाल ही में सम्पन्न पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों में अपनी हार के लिए संगठनात्मक कमजोरी, पंजाब में सत्ताविरोधी लहर से निपटने में अक्षमता और गोवा में तृणमूल कांग्रेस की सेंधमारी को जिम्मेदार माना है. लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने इन बिंदुओं का उल्लेख भले ही किया, लेकिन उन्होंने यह भी कहा कि पार्टी के शीर्ष नेतृत्व में किसी फेरबदल की जरूरत नहीं है, क्योंकि राहुल और प्रियंका गांधी ‘तहे दिल से प्रयास’ कर रहे हैं. पार्टी के एक अन्य नेता एवं जानेमाने वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने भविष्य के चुनावों में अपेक्षित परिणाम के लिए ‘पुनर्संरचना’ की आवश्यकता जताई और इस वर्ष के अंत में निर्धारित संगठनात्मक चुनाव पर जोर दिया. हालांकि, उन्होंने भी शीर्ष नेतृत्व में किसी प्रकार के बदलाव की आवश्यकता से इनकार किया.
चौधरी ने पीटीआई-भाषा को टेलीफोन पर दिये साक्षात्कार में कहा, ‘‘हमारी पार्टी में संगठनात्मक कमजोरी है और इसी कारण से हम हारे हैं. पंजाब में हमारी हार हमारी ही गलतियों का नतीजा है. हम पंजाब में सत्ताविरोधी लहर से निपटने में असफल रहे.’’ उन्होंने गोवा में पार्टी की हार के लिए ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली तृणमूल कांग्रेस को जिम्मेदार माना है. उन्होंने दावा किया, ‘‘हम गोवा में चुनाव जीत सकते थे, लेकिन हम वहां सिर्फ तृणमूल द्वारा पहुंचाये गये नुकसान के कारण हारे हैं. उन्होंने (तृणमूल) ने वहां भाजपा के एजेंट की तरह काम किया और उनके (भाजपा के) इशारे पर वोट बांटने का काम किया. यही कारण है कि हम गोवा में भी हार गये हैं.’’