टीटीपी और आईएस-ख़ुरासान के हमलों से पाकिस्तान के कबायली इलाकों में बढ़ी बेचैनी
BBC
अफ़ग़ानिस्तान में तालिबान के सत्ता संभालने के बाद पाकिस्तान के कई इलाक़ों में अस्थिरता है और वहां रहने वाले लोग ख़ौफ़ में जी रहे हैं.
17 वर्षीय इसरार तब गहरी नींद में थे कि अचानक उनका फ़ोन बजा. उनका कहना है कि वो इस फ़ोन कॉल को अपने पूरे जीवन में कभी नहीं भूलेंगे.
उस समय रात के 2 बज रहे थे. दिन में वो गार्ड का काम करते हैं. इसलिए वो थके हुए थे. फ़ोन के दूसरे छोर पर उनके भाई थे. उन्होंने इसरार को बताया कि कुछ आदमियों ने उनके पैतृक घर से निकालकर उनके पिता को गोली मार दी है.
इसरार ने कहा, "भाई ने मुझे तुरंत घर आने को कहा." सुरक्षा की ख़ातिर उनका नाम यहां बदल दिया गया है.
इसरार से मैं ओरकज़ई में मिला. यह पाकिस्तान के क़बायली इलाक़े के सात ज़िलों में से एक है. अफ़ग़ानिस्तान में उसके सीमावर्ती इलाक़ों में अधिकांश पश्तून हैं, ओरकज़ई में भी ज़्यादातर लोग पश्तून ही हैं.
तीन दिन बाद इस्लामिक स्टेट की सहयोगी संस्था इस्लामिक स्टेट-ख़ुरासान प्रांत (आईएस-के) नाम के चरमपंथी संगठन ने उनके पिता की हत्या की ज़िम्मेदारी ली. आईएस-के का आरोप था कि इसरार के पिता पाकिस्तानी सेना के मुख़बिर थे. हालांकि इसरार इस दावे को ख़ारिज करते हैं.