![टीचरों को फिनलैंड भेजने के प्रस्ताव को मंजूरी, फिर LG से खफा क्यों है दिल्ली सरकार?](https://akm-img-a-in.tosshub.com/aajtak/images/story/202303/transfer_1-sixteen_nine.jpg)
टीचरों को फिनलैंड भेजने के प्रस्ताव को मंजूरी, फिर LG से खफा क्यों है दिल्ली सरकार?
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दिल्ली सरकार ने उपराज्यपाल वीके सक्सेना को मिनी तानाशाह कहा है. साथ ही बोला है कि उन्हें फिनलैंड शिक्षक प्रशिक्षण कार्यक्रम को जानबूझकर खराब करने के बाद उन्हें इस मामले में उच्च नैतिक आधार अपनाने का कोई अधिकार नहीं है. उनका एकमात्र उद्देश्य सरकार के सभी अच्छे कामों को किसी भी तरह से रोकना है.
दिल्ली सरकार के फिनलैंड शिक्षक प्रशिक्षण कार्यक्रम को एलजी वीके सक्सेना ने शनिवार को मंजूदी दे दी. साथ ही शिक्षकों की संख्या 52 से बढ़ाकर 87 कर दी गई है. मगर, दिल्ली सरकार ने एलजी के फैसले को संविधान और सुप्रीम कोर्ट के साथ धोखाधड़ी बताते हुए बयान जारी किया है.
सरकार ने कहा कि एलजी ने एक छोटे तानाशाह की तरह काम किया है. एलजी द्वारा फिनलैंड शिक्षक प्रशिक्षण कार्यक्रम के संशोधित प्रस्ताव को चार महीने बाद वापस करने पर दिल्ली सरकार ने हमला बोला है. क्योंकि दिसंबर 2022 और मार्च 2023 में यह प्रशिक्षण आयोजित होने थे, लेकिन अब यह प्रस्ताव निरर्थक हो गया है.
केजरीवाल सरकार के बयान की कुछ मुख्य बातें :
केजरीवाल सरकार के मुताबिक, फिनलैंड शिक्षक प्रशिक्षण कार्यक्रम के लिए फाइल पहली बार 25 अक्टूबर 2022 को एलजी कार्यालय में भेजी गई थी, ताकि वह इस बात पर विचार कर सकें और इसे 15 दिनों के भीतर भारत के राष्ट्रपति के पास भेज सकें.
मगर, नियमों का उल्लंघन करते हुए एलजी ने तीन आपत्तियां जताते हुए 10 नवंबर 2022 को फाइल दिल्ली के मुख्य सचिव को लौटा दी. शिक्षक प्रशिक्षण संबंधी गतिविधियों की देखने वाली संस्था एससीईआरटी ने उन बिंदुओं को स्पष्ट किया और 14 दिसंबर 2022 को एलजी को फाइल फिर से सौंपी.
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