टीके की अनुपलब्धता पर क्या हमें ख़ुद को फांसी पर लटका लेना चाहिए: केंद्रीय मंत्री सदानंद गौड़ा
The Wire
केंद्रीय मंत्री सदानंद गौड़ा का यह बयान कर्नाटक हाईकोर्ट द्वारा राज्य में टीकाकरण की धीमी गति को लेकर राज्य और केंद्र सरकार की खिंचाई के बाद उनका यह बयान आया है. कर्नाटक के मुख्यमंत्री ने घोषणा की थी कि कर्नाटक 18-44 आयु वर्ग के टीकाकरण को रोक रहा है, ताकि 45 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों, स्वास्थ्यकर्मियों और फ्रंटलाइन वर्कर को दूसरी खुराक दी जा सके.
बेंगलुरु: केंद्रीय रसायन एवं उर्वरक मंत्री डीवी सदानंद गौड़ा ने बृहस्पतिवार को (चिढ़ते हुए) जानना चाहा कि क्या सरकार में बैठे लोगों को अदालत के आदेशों के अनुसार टीके के उत्पादन में नाकामी की वजह से खुद को फांसी पर लटका लेना चाहिए? केंद्रीय मंत्री का यह बयान कर्नाटक हाईकोर्ट द्वारा बीते 11 मई को राज्य में टीकाकरण की धीमी गति को लेकर राज्य और केंद्र सरकार की खिंचाई के बाद उनका यह बयान आया है. हाईकोर्ट ने टीकाकरण की रफ्तार को परेशान करने वाला बताया था. बीते 11 मई को कनार्टक हाईकोर्ट की पीठ ने कहा था कि अगर टीके की खुराक की पर्याप्त संख्या की खरीद के लिए तत्काल कदम नहीं उठाए गए हैं, तो टीकाकरण के मूल उद्देश्य के विफल होने की संभावना है, जो कोविड-19 के प्रसार पर व्यापक प्रभाव डाल सकता है. हाईकोर्ट ने कर्नाटक सरकार से यह भी जानना चाहा था कि वह 45 वर्ष से अधिक आयु के 26 लाख लाभार्थियों को किस तरह से टीके उपलब्ध कराने वाली है, जबकि वैक्सीन की केवल 9.37 लाख खुराक उपलब्ध है.More Related News