
टमाटर उगाने वाला और खाने वाला दोनों परेशान, फिर खुश कौन... बढ़ते दामों की क्या है वजह?
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देश भर इस वक्त टमाटर के दाम के चिंताजनक तरीके से बढ़ गए हैं. बीते दिनों 40 से 50 रुपये किलो तक बिक रहे टमाटर तीन दिन में 100 से 120 रुपये प्रति किलो की रेंज में पहुंच चुके हैं. एक खास बात और सामने आई है कि भले ही मंडियों में टमाटर के दाम आसमान छू गए हैं, लेकिन किसान के हाथ फिर भी खाली के खाली हैं.
बीते तीन दिनों से टमाटर ऐसा सुर्ख हुआ है कि इसका असर सीधा आपके घर के बजट पर पड़ा है. आलू-प्याज और टमाटर रसोई की ऐसी तीन जरूरतें हैं जो न हों तो रसोई का स्वाद बिगड़ जाता है और इनके दाम बढ़ जाएं तो घर का बैंक बैंलेस. ये तीनों सब्जियां बारहमासी हैं. अगर आप पिछले तीन दिन में सब्जी लेने बाजार गए होंगे तो टमाटर के दाम सुनते ही आप चौंक गए होंगे. सोच रहे होंगे कि अभी तो ये ज्यादा से ज्यादा चालीस रुपये किलो रहा होगा, बहुत हुआ तो पचास का, लेकिन, 100-120 रुपये किलो कैसे हो गया.
क्यों हर साल देश में आती है टमाटर क्राइसिस इस दाम के सुनने के बाद आपने अपनी जरूरतें कम कर ली होंगी, और आधा किलो या एक पाव टमाटर ही लेकर आए होंगे. अब सोचने वाली बात और कुछ सवाल... टमाटर इसी मौसम में लगभग हर साल अचानक क्यों इसी तेजी के साथ महंगा हो जाता है? टमाटर क्यों महंगा हो रहा है ? क्या बारिश की वजह से ? अगर हां तो, क्या हर साल बारिश में महंगा टमाटर खाने की आदत जनता डाले? क्या किसान को महंगे टमाटर का कोई फायदा होता है? अगर नहीं तो बीच का मुनाफा कौन खा रहा है ?
देश में अचानक आने वाली इस टमाटर क्राइसिस का समाधान क्या है ? क्या मिसमैनेजमेंट की वजह से टमाटर को हर साल महंगा करके बेचा जा रहा है ? टमाटर
अभी मई की ही बात है, जिस टमाटर को फेंकने की नौबत किसान के सामने थी, जिसके लिए पांच रुपए भी किसान नहीं पा रहा था. जून के अंत में वही टमाटर क्यों महंगाई के मारे लाल होकर 120 रुपए तक पहुंच गया है ? पिछले कुछ वक्त से क्या देश में हर साल गर्मी के सीजन में टमाटर फेंका जाता है. किसान के पास सिवाए टमाटर को खुद ही बर्बाद करने के चारा नहीं होता और फिर बारिश आते ही टमाटर की कीमत सेब के बराबर हो जाती है. ऐसा आखिर क्यों है?
भारत से बीते साल 89 हजार मीट्रिक टन टमाटर हुआ निर्यात खाद्य तेल हो या ईंधन, जब भी महंगा होता है तो इसके पीछे की वजह आयात बताई जाती है. क्या टमाटर भी बाहर से आयात करना पड़ता है? क्या टमाटर भी देश को आयात करना होता है जो अभी 100 रुपये के पार चल रहा है ? दुनिया में चीन के बाद टमाटर की उपज सबसे ज्यादा भारत में होती है. भारत हर वर्ष करीब दो करोड़ टन टमाटर की फसल तैयार कर रहा है. आंकड़े बताते हैं कि भारत ने पिछले वर्ष 89 हजार मीट्रिक टन टमाटर का निर्यात भी किया है. इससे ये बात तो साफ हो गई कि भारत के किसान टमाटर उगाने में कमजोर नहीं है.
लोगों से ताने सुन रहे छोटे सब्जी विक्रेता अगर आप एक किलो टमाटर लेंगे तो इसमें 9 पीस टमाटर चढ़ेंगे. एक टमाटर की कीमत 11 रुपए की हो गई है. भोपाल के एक सब्जी विक्रेता से जब इस बारे में बात की गई तो उन्होंने कहा, सौ रुपए पार चल रहे टमाटर खरीदने आ रही जनता दाम सुनते ही भड़क जाती है. वह कहते हैं कि कई बार तो लोग गाली बक के जा रहे हैं. कहते हैं कि लूटने बैठा है. वहीं, एक ग्राहक ने कहा कि टमाटर लेने आए हैं, 120 का है, सोचा था एक किलो लेंगे. पाव भर लेकर जा रहे हैं वहीं एक और शख्स ने भी कहा कि, चालीस-पचास में हिम्मत कर भी लें. अस्सी सौ में हिम्मत कैसे करें, अब पाव या आधा किलो ले जाते हैं. जयपुर में भी यही हाल है.

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