![झारखंड में बना तीसरा मोर्चा, छोटे दलों की बात सदन में रखने के लिए हुई तैयारी](https://akm-img-a-in.tosshub.com/aajtak/images/story/202203/jharkhand_2-sixteen_nine.jpg)
झारखंड में बना तीसरा मोर्चा, छोटे दलों की बात सदन में रखने के लिए हुई तैयारी
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एनसीपी विधायक कमलेश सिंह ने कहा कि तीसरा मोर्चा बनाया गया ताकि हम अपनी पूरी बात सदन में रख सकें. सदन के अंदर खासकर जमीन के मामले अनसुने रह जाया करते थे. अब सारे मामलों को ठीक तरीके से रखा जाएगा.
झारखंड में तीसरा मोर्चा बना है. मोर्चे का नाम झारखंड लोकतांत्रिक मोर्चा रखा गया है. फिलहाल इसमें आजसू, एनसीपी शामिल हैं. विधानसभा में तीसरे मोर्चे के पांच विधायक होंगे. इनमें आजसू के दो विधायक सुदेश महतो व लंबोदर, निर्दलीय विधायक अमित यादव व सरयू राय और एनसीपी विधायक कमलेश सिंह शामिल हैं.
आजतक से बात करते हुए आजसू सुप्रीमो सुदेश महतो ने बताया कि ये तीसरा मोर्चा झारखंड की भलाई के लिए बना है. दरअसल, कुछ छोटी पार्टियों को अपनी बात सदन में रखने का समय काफी कम मिलता है, इसलिए यह मोर्चा बनाया गया है. साथ ही उन्होंने कहा कि इस मोर्चे की जानकारी स्पीकर को भी देने जा रहे हैं.
कमलेश सिंह ने कहा कि यह एक तरह का प्रयोग है. हमने पहले ही बैठक कर तय कर लिया था कि तीसरा मोर्चा बनाया जाए, ताकि हम अपनी पूरी बात सदन में रख सकें. वहीं आजसू के विधायक लंबोदर महतो ने कहा कि सदन के अंदर खासकर जमीन के मामले अनसुने रह जाया करते थे. अब सारे मामलों को ठीक तरीके से रखा जाएगा. यह मोर्चा जनहित को ख्याल में रखकर बनाया गया है. लंबोदर महतो ने कहा कि अगर सबकुछ ठीक रहा तो 2024 में हम साथ रहेंगे. फिलहाल तय हुआ है कि सदन में और बाहर भी साथ रहेंगे. फिलहाल झारखंड विधानसभा के बजट सत्र जारी है. जाहिर है इस मोर्चे से राज्य में राजनीतिक सरगर्मी बढ़ेगी.
अप्रैल में होने वाले राज्यसभा चुनाव में इस गुट की भूमिका अहम रहेगी.यहां 81 विधानसभा सदस्य हैं. हर दो साल में 2 खाली सीट पर चुनाव होता है. ऐसे में जीतने के लिए 28 मतों की जरूरत होती है. सत्तापक्ष के पास 1 सीट निकाल ले जाने के लिए पर्याप्त मत हैं. BJP के पास 26 विधायक हैं. ऐसे में इस गुट का मत नहीं मिला तो उसे मुश्किल हो सकती है. वहीं सरयू राय जैसे विधायक जिन्होंने हेमंत सरकार का समर्थन किया था, उनके लिए अगर BJP के पक्ष में मत करना हो तो वो आसान हो जाएगा. साथ ही अगर आगे किसी तरह का सत्ता परिवर्तन हुआ तो ये गुट अपने लिए अच्छा बार्गेन करने की स्थिति में होगा.
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