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झारखंड: मनरेगा में घोटाले के आरोप, काग़ज़ों में लकवाग्रस्त व्यक्ति ने भी की मज़दूरी
BBC
झारखंड के लातेहार ज़िले में एक फ़ैक्ट फ़ाइंडिंग कमेटी ने पाया है कि वहां मनरेगा में मज़दूरी के भुगतान में घोटाला हुआ है. प्रशासन ने जाँच के आदेश दे दिए हैं.
मशहूर अर्थशास्त्री और सामाजिक कार्यकर्ता ज्यां द्रेज़ और उनकी टीम ने झारखंड के लातेहार ज़िले में मनरेगा के तहत फ़र्ज़ीवाड़ा करते हुए रुपये की अवैध निकासी किए जाने का दावा किया है. यह दावा मनिका प्रखंड में की गई फ़ैक्ट फ़ाइंडिंग के बाद किया गया है. टीम में शामिल कार्यकर्ताओं ने कई उदाहरणों के हवाले से कहा है कि यहां डोभा (छोटे तालाब, जिनमें खेती के लिए बारिश का पानी जमा किया जाता है) निर्माण कार्य में ज़्यादा मज़दूरों को लगा दिखाकर फ़र्ज़ी भुगतान कराया जा रहा है जबकि वास्तविकता में वहां कम मज़दूर काम कर रहे हैं. फ़ैक्ट फ़ाइंडिंग टीम में ज्यां द्रेज़ के साथ झारखंड नरेगा वॉच के संयोजक जेम्स हेरेंज और मनिका स्थित नरेगा सहायता केंद्र से जुड़े पचाठी सिंह और अमरदयाल सिंह भी थे. इस टीम ने 12-13 अप्रैल को मनिका और भदाई बथान गांवों में 14 जगहों पर जाकर मनरेगा के तहत चल रहे डोभा निर्माण की जाँच की और संबंधित लोगों से बातचीत के बाद एक रिपोर्ट तैयार की. इसमें बड़े पैमाने पर चल रहे मनरेगा घोटाले के बारे में बताया गया है. इन लोगों ने अपनी जाँच रिपोर्ट स्थानीय प्रशासन को भी दी है. इसके बाद लातेहार के उपायुक्त (डीसी) ने इसकी जाँच के लिए वरिष्ठ अधिकारियों की चार सदस्यीय कमेटी बनायी है.More Related News