झारखंड और छत्तीसगढ़ में नक्सल विरोधी छापे, NIA ने मोबाइल और सिम कार्ड किए बरामद
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जांच एजेंसी के एक बयान में कहा गया है कि गरियाबंद और धमतरी जिलों के संवेदनशील माओवादी प्रभावित क्षेत्रों के रावनडिग्गी, सेमरा, मैनपुर, घोरागांव, केराबहरा और गरियाबंद गांवों में कम से कम 11 संदिग्धों के ठिकानों पर तलाशी ली गई.
नक्सल विरोधी अभियान में जांच एजेंसी NIA ने शुक्रवार को भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) से जुड़े एक मामले में झारखंड के गिरिडीह में कई स्थानों पर छापेमारी की. अधिकारियों के मुताबिक छापेमारी के दौरान संदिग्धों और नक्सलियों के घरों और अन्य परिसरों की एनआईए की टीमों ने गहन तलाशी ली, जिसमें कई मोबाइल फोन और सिम कार्ड समेत अन्य आपत्तिजनक सामग्री जब्त की गई.
जब्त की गई वस्तुओं की जांच की जा रही है. प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन सीपीआई (माओवादी) के नक्सल कैडर कृष्णा हांसदा की गिरफ्तारी के बाद छापेमारी की गई. सीपीआई (माओवादी) के क्षेत्रीय समिति सदस्य हांसदा को जनवरी 2023 में डुमरी के लुसियो वन क्षेत्र से गिरफ्तार किया गया था.
जांच के दौरान, जून 2023 में मामले को अपने हाथ में लेने वाली एनआईए ने कई संदिग्धों और नक्सलियों के बीच संबंधों का पता लगाया, जिनके बारे में माना जाता है कि वे गिरिडीह के पारसनाथ इलाके में सीपीआई (माओवादी) को रसद और इलेक्ट्रॉनिक सामान की आपूर्ति में शामिल थे.
शुक्रवार की तलाशी इन संदिग्धों और नक्सलियों के खिलाफ एनआईए की जांच का हिस्सा थी. अधिकारियों ने कहा कि मामले की आगे की जांच जारी है. एक अन्य मामले में, 2023 में विधानसभा चुनाव के दौरान मतदान और सुरक्षा दल पर सीपीआई (माओवादी) के हमले में छत्तीसगढ़ के दूरदराज के गांवों में भी एनआईए की छापेमारी की गई थी.
जांच एजेंसी के एक बयान में कहा गया है कि गरियाबंद और धमतरी जिलों के संवेदनशील माओवादी प्रभावित क्षेत्रों के रावनडिग्गी, सेमरा, मैनपुर, घोरागांव, केराबहरा और गरियाबंद गांवों में कम से कम 11 संदिग्धों के ठिकानों पर तलाशी ली गई.
जांच में यह बात सामने आई है कि मैनपुर-नुआपाड़ा डिवीजन पिछले साल नवंबर में विधानसभा चुनाव के दौरान मतदान के बाद गांव बड़ेगोबरा से लौट रहे मतदान दल और सुरक्षाकर्मियों पर हुए हमले में आईटीबीपी एडहॉक 615 बटालियन के एक हेड कांस्टेबल की हत्या करने वाले आईईडी विस्फोट के पीछे था. बयान में कहा गया है कि जिन संदिग्धों के परिसरों की आज तलाशी ली गई, उनके नाम मामले की एनआईए जांच के दौरान सामने आए थे.
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