
झारखंडः जिस बेटी ने राष्ट्रीय स्तर पर तीरंदाजी में मनवाया था लोहा आज सब्जी उगाने को मजबूर, पढ़ें गुड़िया की कहानी
ABP News
गुड़िया का कहना है कि सरकारी स्तर पर सुविधा मिली तो वह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तीरंदाजी में गोल्ड मेडल ला सकती है. पिता ने कहा कि अच्छा लगता अगर उनकी बेटी भी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपना योगदान कर पाती.
बोकारोः आज सारा देश ओलंपिक में महिला खिलाड़ियों के प्रदर्शन पर गर्व कर रहा है. एक ओर केंद्र सरकार हौसला अफजाई कर रही है तो वहीं दूसरी ओर कई राज्य की सरकार अपने प्रदेश के खिलाड़ियों को नकद रुपये और कई अन्य पुरस्कार दे रही है. वहीं कई ऐसे भी खिलाड़ी हैं जो ऐसे तो राष्ट्रीय स्तर पर अपनी प्रतिभा का लोहा मनवा चुके हैं, लेकिन आज उनके पास मूलभूत सुविधाएं नहीं हैं. झारखंड के बोकारो की रहने वाली गुड़िया की कहानी कुछ ऐसी ही है. बोकारो के महेशपुर गांव की रहने वाली गुड़िया ने प्रदेश से लेकर राष्ट्रीय स्तर की तीरंदाजी प्रतियोगिताओं में अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया है. वर्ष 2016 में राज्यस्तरीय सब-जूनियर तीरंदाजी प्रतियोगिता में सिल्वर मेडल जीत चुकी है. वहीं, 2017 में राष्ट्रीय सब-जूनियर तीरंदाजी प्रतियोगिता में भी सिल्वर मेडल मिला था. गुड़िया की प्रतिभा को बखूबी समझा जा सकता है क्योंकि उसके पास सैकड़ों मेडल और सम्मानपत्र आज भी मौजूद हैं.More Related News