ज्ञानवापी से जुड़े 5 मामलों पर इलाहबाद हाई कोर्ट में भी सुनवाई हुई
AajTak
ज्ञानवापी मामले के लिहाज से सोमवार का दिन बड़े फैसलों वाला रहा है. एक तरफ वाराणसी जिला कोर्ट ने हिंदू पक्ष में फैसला सुना दिया है तो वहीं दूसरी तरफ इलाहाबाद हाई कोर्ट में भी पांच मामलों को लेकर अहम सुनवाई हुई है. 5 में से 3 मुकदमे में सुनवाई पूरी होने के बाद अदालत ने अपना जजमेंट रिजर्व भी कर किया है.
ज्ञानवापी मामले के लिहाज से सोमवार का दिन बड़े फैसलों वाला रहा है. एक तरफ वाराणसी जिला कोर्ट ने हिंदू पक्ष में फैसला सुना दिया है तो वहीं दूसरी तरफ इलाहाबाद हाई कोर्ट में भी पांच मामलों को लेकर अहम सुनवाई हुई है. 5 में से 3 मुकदमे में सुनवाई पूरी होने के बाद अदालत ने अपना जजमेंट रिजर्व भी कर किया है. अब सिर्फ सर्वे आदेश से जुड़ी दो याचिकाओं पर 28 सितम्बर को सुनवाई होगी.
इसके अलावा इलाहाबाद हाई कोर्ट में 1991 में दाखिल मुकदमे की पोषणीयता वाली तीन अर्जियों पर भी सुनवाई हुई है. असल में ये 1991 वाला विवाद काशी विश्वानाथ-ज्ञानवापी प्रॉपर्टी को लेकर है. 1998 से ही ये मामला कोर्ट में लंबित चल रहा है, साल 2018 में फिर सुनवाई का दौर शुरू किया गया था. इस मामले में दोनों पक्षों की तरफ से कई दलीलें रखी गई थीं. अब कोर्ट ने इस मामले में अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है.
वैसे वाराणसी जिला कोर्ट का सोमवार वाला फैसला काफी मायने रखता है. ज्ञानवापी केस में हिंदू पक्ष की दलीलों को सुनने योग्य मान लिया गया है. मामले में आगे की सुनवाई को हरी झंडी दिखा दी गई है. कोर्ट ने कहा कि मुस्लिम पक्ष यह साबित करने में विफल रहा कि मामला यूपी श्री काशी विश्वनाथ मंदिर एक्ट, 1983 के अंतर्गत आता है और इसपर सुनवाई नहीं हो सकती. कोर्ट ने इस बात पर भी जोर दिया है कि हिंदू पक्ष की तरफ से दायर याचिका में पूजा का अधिकार मांगा गया है, जो कि मेरिट (गुण-दोष) के आधार पर सुनवाई योग्य है. अब इस मामले में 22 सितंबर को सुनवाई होने वाली है.
जिला कोर्ट के इस फैसले को एक तरफ हिंदू पक्ष ने दिल खोलकर स्वागत किया है तो मुस्लिम पक्ष थोड़ा निराश है. AIMIM चीफ असुदद्दीन ओवैसी ने कहा है कि जो ऑर्डर आया है उससे देश में बहुत सी चीजें शुरू हो जाएंगी. हर कोई कोर्ट में जाकर यह कहेगा कि 15 अगस्त 1947 से पहले से हम यहां पर थे. ऐसे में 1991, वर्शिप एक्ट का मकसद ही फेल हो जाता है. जिला कोर्ट का फैसला अस्थिरता पैदा करेगा. जब बाबरी मस्जिद पर फैसला आया था, तब भी मैंने चेताया था कि इससे देश के लिए दिक्कतें पैदा होंगी. क्योंकि फैसला आस्था के हिसाब से दिया गया था.
दिल्ली में विधानसभा चुनाव 2025 के लिए मतदान बुधवार को संपन्न हो चुके हैं. 8 फरवरी को चुनाव के परिणाम आने वाले हैं. भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस सत्ता की चाबी पाने के लिए उत्सुक है. वहीं, आम आदमी पार्टी जीत की हैट्रिक लगाने की सोच रही है. सो सॉरी के इस खास संस्करण में देखें पीएम नरेंद्र मोदी, राहुल गांधी और अरविंद केजरीवाल के बीच पॉलिटिकल मुशायरा.
अमेरिका से डिपोर्ट हुए आकाश के परिवार के उनके डंकी रूट से अमेरिका में एंट्री करने के कुछ वीडियो साझा किए हैं, जिसमें वह पनामा के घने जंगलों में अन्य अवैध अप्रवासियों के साथ डेरा डाले हुए है. वीडियो में महिलाएं और बच्चे नदी से गुजरते हुए दिख रहे हैं. जंगल में कई जगह कीचड़ होने की वजह से उनके पैर पूरी तरह सन चुके हैं. परिवार ने बताया कि आकाश ने 10 महीने पहले भारत छोड़ा और 26 जनवरी को अमेरिका में एंट्री करने के लिए मैक्सिको बॉर्डर लांघ दिया.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान कांग्रेस पर जमकर हमला बोला. उन्होंने कहा कि कांग्रेस की तुष्टिकरण की नीति के विपरीत हमारा मंत्र 'सबका साथ, सबका विकास' है. मोदी ने कहा कि कांग्रेस ने कभी बाबा साहेब अंबेडकर को भारत रत्न देने योग्य नहीं समझा. उन्होंने दावा किया कि उनकी सरकार ने दलितों, आदिवासियों और पिछड़े वर्गों के उत्थान के लिए ठोस काम किए हैं.
केरल में जहर देकर अपने बॉयफ्रेंड की हत्या के मामले में सेशंस कोर्ट द्वारा फांसी की सजा को युवती ग्रीष्मा ने हाई कोर्ट में चुनौती दी है. उसने निचली अदालत के फैसले को गलत ठहराते हुए कहा कि बिना तथ्यों के आधार पर उसके खिलाफ फैसला सुना दिया गया क्योंकि इसके लिए कोर्ट के ऊपर दबाव था. हाई कोर्ट ने इस मामले में निचली अदालत से सभी दस्तावेज मांगे हैं.
दिल्ली के सीलमपुर विधानसभा क्षेत्र में बुर्के को लेकर विवाद खड़ा हो गया है. बीजेपी ने विपक्षी दलों पर आरोप लगाया है कि वे बुर्के की आड़ में फर्जी वोटिंग करवा रहे हैं. इसके जवाब में विपक्ष का कहना है कि बीजेपी मुस्लिम महिलाओं को वोट देने से रोक रही है. चुनाव आयोग के अनुसार, प्रत्येक वोटर को मतदान से पहले चेहरा दिखाना अनिवार्य है.
अमेरिका में अवैध प्रवासी घोषित किए गए 104 भारतीय नागरिकों को भारत वापस भेज दिया गया है. अमेरिकी सेना के खास विमान में इन सभी भारतीयों को अपराधियों की तरह हाथ-पैर बांधकर भारत लाया गया. भारतीय नागरिकों को इस तरह से वापस भेजना भारत में बहस का विषय बना हुआ है. इसी बीच नई दिल्ली में अमेरिकी दूतावास की ओर से बयान जारी किया गया है.
अमेरिका से डिपोर्ट हुए आकाश के परिवार के उनके डंकी रूट से अमेरिका में एंट्री करने के कुछ वीडियो साझा किए हैं, जिसमें वह पनामा के घने जंगलों में अन्य अवैध अप्रवासियों के साथ डेरा डाले हुए है. वीडियो में महिलाएं और बच्चे नदी से गुजरते हुए दिख रहे हैं. जंगल में कई जगह कीचड़ होने की वजह से उनके पैर पूरी तरह सन चुके हैं. परिवार ने बताया कि आकाश ने 10 महीने पहले भारत छोड़ा और 26 जनवरी को अमेरिका में एंट्री करने के लिए मैक्सिको बॉर्डर लांघ दिया.