जो बाइडन की गिर रही है रेटिंग, सामने खड़ी हैं ये पांच चुनौतियां
BBC
जो बाइडन को अमेरिका का राष्ट्रपति बने अभी एक साल भी नहीं हुए लेकिन उनके सामने ऐसी चुनौतियां आ खड़ी हुई हैं जो उन्हें पूर्ण सफलता या विफलता की तरफ़ ले जा सकती हैं.
अमेरिकी बॉक्सर माइक टाइसन की कही एक बात बहुत प्रचलित है कि ''मुंह पर घूसा पड़ने से पहले सबके पास कोई न कोई योजना ज़रूर होती है.'' यही बात राजनीति पर भी लागू हो जाती है.
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने भी अपने कार्यकाल की शुरुआत कई तरह की योजनाओं के साथ की थी जैसे कोरोना महामारी से राहत, बुनियादी ढांचे में निवेश और सरकारी सुरक्षाओं को बढ़ाना.
लेकिन, पिछले डेढ़ महीनों में जो बाइडन पर उसी तरह का एक घूसा पड़ा है यानी उनके सामने मुश्किलें खड़ी हो गई हैं और योजनाएं रखी रह गई हैं.
अफ़ग़ानिस्तान से अमेरिका की वापसी के बाद बनी स्थितियों के चलते जो बाइडन की पब्लिक अप्रूवल रेटिंग पहली बार नकारात्मक हुई है. वहीं, महंगाई बढ़ी हुई है और कोरोना वायरस के डेल्टा वेरिएंट बढ़ी परेशानियों ने बाइडन प्रशासन की क्षमताओं पर सवाल खड़े कर दिए हैं. खासतौर पर स्वतंत्र मतदाताओं के बीच उनकी छवि पर असर पड़ा है.
हालांकि, उनकी कुछ योजनाएं जैसे महामारी राहत क़ानून बन गए हैं, लेकिन डेमोक्रेट्स के अंदरूनी टकराव और रिपब्लिकन के विरोध के चलते इस एजेंडे के अन्य हिस्सों के भविष्य पर संदेह बना हुआ है.