जो डिब्रूगढ़ जेल बनी अमृतपाल का ठिकाना, जानें वहां कितनी चाकचौबंद है व्यवस्था!
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खालिस्तान के समर्थक अमृतपाल सिंह को पंजाब पुलिस ने रविवार को रोडे गांव से गिरफ्तार कर लिया था. उसे असम की डिब्रूगढ़ सेंट्रल जेल में रखा गया है. पुलिस ने बताया कि अमृतपाल को एनएसए के तहत हिरासत में लिया गया है. जिस जगह अमृतपाल को रखा गया है वहां थ्री लेयर सिक्योरिटी है.
खालिस्तानी समर्थक और 'वारिस पंजाब दे' संगठन का मुखिया अमृतपाल सिंह को गिरफ्तारी के तुरंत बाद असम की डिब्रूगढ़ सेंट्रल जेल में भेज दिया गया. इसी जेल में पहले से ही अमृतपाल के कई समर्थक भी बंद हैं. उसी के बाद ये सवाल उठ रहे हैं कि आखिर डिब्रूगढ़ जेल में ऐसा क्या है कि सभी सिख कट्टरपंथियों को पंजाब से दूर वहीं भेजा जा रहा है.
वैसे इसकी सबसे बड़ी वजह कानून-व्यवस्था को बताया जा रहा है. दरअसल, पंजाब की ही किसी जेल में अमृतपाल या उसके बाकी साथियों को रखने से माहौल बिगड़ने का डर था.
इसे ऐसे समझिए कि पंजाब पुलिस ने अमृतपाल के समर्थक लवप्रीत सिंह तूफान को हिरासत में लिया था. लवप्रीत को अजनाला पुलिस स्टेशन में रखा गया था. इसके बाद अमृतपाल और उसके समर्थकों ने अजनाला पुलिस थाने पर हमला कर दिया. आखिरकार पुलिस को लवप्रीत को छोड़ना पड़ा.
अजनाला जैसा कांड फिर से न हो, इसलिए अमृतपाल और उसके साथियों को असम की डिब्रूगढ़ सेंट्रल जेल में हाई सिक्योरिटी सेल में रखा गया है.
असम पुलिस के मुताबिक, डिब्रूगढ़ सेंट्रल जेल की क्षमता 680 कैदियों की हैं. लेकिन 15 मार्च 2023 तक की स्थिति के अनुसार यहां 420 कैदी बंद हैं.
अमृतपाल के साथ-साथ उसके 9 साथी डिब्रूगढ़ सेंट्रल जेल में बंद हैं. इनमें दलजीत सिंह कालसी, पप्पलप्रीत सिंह, कुलवंत सिंह धालीवाल, वरिंदर सिंह जोहाल, गुरमीत सिंह बुक्कनवाला, हरजीत सिंह, भगवंत सिंह, बसंत सिंह और गुरिंदरपाल सिंह औजला शामिल हैं.
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