जॉब सही या खुद का काम... UP-बिहार से कम मिल रहा गुजरात में दाम? जानें-क्या कहती है सरकारी रिपोर्ट
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सरकारी रिपोर्ट के मुताबिक, गुजरात में नौकरी करने वाला हर व्यक्ति हफ्ते में औसतन 53 घंटे काम करते हैं. इसके बावजूद उनकी महीने की औसतन कमाई साढ़े 17 हजार रुपये है. जबकि, यूपी और बिहार वाले गुजरातियों की तुलना में 5 घंटे काम करते हैं, लेकिन कमाई उनसे ज्यादा होती है.
आमतौर पर नौकरी करने वालों को लगता है कि खुद का काम करना ज्यादा फायदे का सौदा है. वो इसलिए क्योंकि खुद के काम में अपनी मर्जी से काम कर सकते हैं और कमाई भी ज्यादा हो सकती है. मगर क्या वाकई ऐसा है? आंकड़े तो इसे खारिज करते हैं. आंकड़े बताते हैं कि खुद के काम से ज्यादा कमाई नौकरी करने में है. इतना ही नहीं, नौकरी करके आप सालना जो ग्रोथ कर सकते हैं, वो खुद के काम में नहीं है.
दरअसल, हाल ही में पीरियोडिक लेबर फोर्स सर्वे (PLFS) की रिपोर्ट आई है. इस सर्वे में जुलाई 2023 से जून 2024 तक के आंकड़े हैं.
सर्वे की रिपोर्ट बताती है कि देश में नौकरीपेशा हर व्यक्ति हर हफ्ते औसतन 48.2 घंटे काम करता है. जबकि, उसकी महीने की औसत कमाई 21,103 रुपये है. अच्छी बात ये है कि पिछले साल की तुलना में काम की घंटों में थोड़ी कमी भी आई है और कमाई भी बढ़ी है. एक साल पहले तक हर व्यक्ति हफ्ते में औसतन 49.1 घंटे काम करता था और उसकी महीनेभर की कमाई 20,039 रुपये थी. यानी कि अब व्यक्ति के एक घंटे कम काम कर रहा है और उसकी कमाई 5% तक बढ़ गई है.
किस-काम में कितना फायदा?
PLFS की रिपोर्ट से पता चलता है कि अगर आप नौकरी कर रहे हैं तो महीने में औसतन 21 हजार रुपये से ज्यादा कमा लेंगे. लेकिन इसकी बजाय अगर आप खुद का कुछ काम कर रहे हैं तो महीने में 14 हजार तक की कमाई भी नहीं होती.
रिपोर्ट बताती है कि खुद का काम करने वालों की महीने की औसतन कमाई 13,900 रुपये है. एक साल पहले तक 13,347 रुपये थी. यानी, एक साल में खुद का काम करने वालों की कमाई 4% तक ही बढ़ी है.
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