
जैसे सड़क पर गाड़ियां भिड़ती हैं, वैसे ही हवा में प्लेन क्यूं नहीं भिड़ते?
ABP News
एयरोप्लेन उड़ाते वक्त पायलट को पूरे समय वायरलेस में बातें करते रहना ज़रूरी होता है. इस वायरलेस के दूसरी तरफ होता है ग्राउंड स्टाफ. ये ग्राउंड स्टाफ, ग्राउंड में बसे किसी ऑफिस में बैठा रहता है.
नई दिल्ली: दुनिया के व्यस्त हवाई अड्डों में से एक आईजीआई एयरपोर्ट से एक दिन में हजारों फ्लाइटें ऑपरेट होती हैं. यह सब एयर ट्रैफिक कंट्रोलरों की मुस्तैदी के बिना मुमकिन नहीं हो सकता है. यहां आप जानिए कि आसमान में उड़ती हजारों उन उड़ानों के ट्रैफिक को आखिर कौन कंट्रोल करता है.
कार चलाते वक्त फ़ोन पर बात करना न केवल ग़ैरकानूनी है, बल्कि इसमें जान का ख़तरा भी है. क्यूंकि इससे ध्यान भंग होता है. लेकिन इससे ठीक उल्ट एयरोप्लेन उड़ाते वक्त पायलट को पूरे समय वायरलेस में बातें करते रहना ज़रूरी होता है. इस वायरलेस के दूसरी तरफ होता है ग्राउंड स्टाफ. ये ग्राउंड स्टाफ, ग्राउंड में बसे किसी ऑफिस में बैठा रहता है.