
जेल में दरबार, सफेदपोशों की हाजिरी और रुतबा... बस्ती जेल से अतीक अहमद ने यूं बढ़ाया था अपना नेटवर्क
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माफिया अतीक अहमद (Mafia Atiq Ahmed) उत्तर प्रदेश की बस्ती जेल में करीब 21 महीने तक बंद रहा था. उसने यहां रहने के दौरान अपना नेटवर्क मजबूत किया. बताया जा रहा है कि जेल में माफिया दरबार लगाता था, कई सफेदपोश हाजिरी लगाने पहुंचते थे. यहीं रहने के दौरान उसने पूजा पाल के खिलाफ अपना दल पार्टी से चुनाव लड़ा था.
उत्तर प्रदेश के कुख्यात माफिया रहे अतीक अहमद का बस्ती से भी काफी गहरा ताल्लुक रहा है. अतीक ने बस्ती में पूरे 21 महीने तक वक्त बिताया था. बता दें कि बीते शनिवार की रात प्रयागराज में जब अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ को मेडिकल चेकअप के लिए के जाया जा रहा था, उसी दौरान पत्रकार बनकर आए शूटर्स ने दोनों की गोली मारकर हत्या कर दी थी.
जेल प्रशासन के मुताबिक, माफिया अतीक अहमद को प्रयागराज (तब के इलाहाबाद) की नैनी सेंट्रल जेल से बस्ती जेल में 30 अप्रैल 2010 को लाया गया था. उसके बाद अतीक यहां 6 फरवरी 2012 तक हाई सिक्योरिटी बैरक में निरुद्ध रहा. बस्ती जिला जेल में रहते हुए अतीक अहमद ने अपनी पूरी गैंग तैयार कर रखी थी. उसका नेटवर्क इतना टाइट था कि वो जेल में जो चाहता, वो करता था. बाकायदा यहां अतीक जेल में दरबार भी लगाया करता था. उस समय का पूरा जेल प्रशासन अतीक के आगे नतमस्तक था.
बस्ती जेल में बंद रहने के दौरान अतीक ने लड़ा था चुनाव
बता दें कि अतीक अहमद ने बस्ती जिला जेल में रहते हुए ही साल 2012 में अपना दल पार्टी से विधानसभा चुनाव में इलाहाबाद पश्चिम से नामांकन दाखिल किया था और चुनाव लड़ा था. उस दौरान मतदान होने से कुछ दिन पहले ही अतीक को हाईकोर्ट से जमानत मिल गई थी. हालांकि उस चुनाव में अतीक को राजू पाल की पत्नी पूजा पाल से हार का सामना करना पड़ा था.
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वरिष्ठ पत्रकार पारस नाथ मौर्य का कहना है कि बस्ती जिला जेल में रहते हुए अतीक ने अपना नेटवर्क और मजबूत किया था. यहां पर उसके मिलने वालों का तांता लगा रहता था. चाहे वो सफेदपोश हों, व्यापारी हों या अधिकारी. सब के सब अतीक के दरबार में हाजिरी लगाते थे. अन्य प्रदेश से भी लोग अतीक अहमद से मिलने बस्ती जिला जेल आया करते थे. इस मामले को लेकर बस्ती के एडीएम और जिला जेल के प्रभारी अधीक्षक कमलेश चन्द्र ने कहा कि अतीक यहां पर लगभग 21 महीने के करीब बंद रहा था.

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