
जिस दिन गोहत्या रुक जाएगी, पृथ्वी की सभी समस्याओं का समाधान हो जाएगा: गुजरात कोर्ट
The Wire
तापी ज़िले की एक अदालत ने कथित गो तस्करी के मामले में एक आरोपी को आजीवन कारावास की सज़ा सुनाते हुए कहा कि कि विज्ञान ने साबित कर दिया है कि गाय के गोबर से बने घर परमाणु विकिरण से प्रभावित नहीं होते हैं और गोमूत्र का उपयोग कई लाइलाज बीमारियों का इलाज है.
नई दिल्ली: गुजरात के तापी ज़िले की एक अदालत ने हाल ही में महाराष्ट्र से मवेशियों का अवैध परिवहन करने के आरोप में एक 22 वर्षीय युवक को आजीवान कारावास की सजा सुनाते हुए कहा है कि जिस दिन गाय के खून की एक भी बूंद धरती पर नहीं गिरेगी, उस दिन धरती की सभी समस्याओं का समाधान हो जाएगा और धरती पर खुशहाली स्थापित हो जाएगी. ‘गाय केवल एक जानवर नहीं है, बल्कि यह मां है. इसलिए इसे मां का नाम दिया गया है. गाय जैसा कृतज्ञ कोई नहीं है. एक गाय 6 करोड़ पवित्र स्थलों और 33 करोड़ देवी-देवताओं का सजीव ग्रह है. दुनिया पर किए जा रहे उसके उपकार के बारे में अधिक कहने की आवश्यकता नहीं है. जिस दिन गाय के रक्त की एक भी बूंद पृथ्वी पर नहीं गिरेगी पृथ्वी की सभी समस्याएं हल हो जाएंगी और पृथ्वी की भलाई स्थापित हो जाएगी. गो रक्षा और गो पालन की बात तो बहुत होती है, लेकिन अमल में नहीं लाया जाता.’
लाइव लॉ की रिपोर्ट के मुताबिक, तापी जिला अदालत के पीठासीन सत्र न्यायाधीश एसवी व्यास ने कहा कि धर्म गाय से पैदा होता है क्योंकि धर्म वृषभ के रूप में होता है और गाय के पुत्र को वृषभ कहा जाता है.
अदालत ने संस्कृत के एक श्लोक का हवाला देते हुए कहा कि अगर गाय विलुप्त हो जाती हैं तो ब्रह्मांड का अस्तित्व भी समाप्त हो जाएगाा और अपने सभी छह अंगों के साथ वेदों की उत्पत्ति गायों के कारण ही हुई है. इस बात पर जोर देते हुए कि गायों की हत्या करना अस्वीकार्य है, अदालत ने दो अन्य श्लोकों का उल्लेख किया.
जिनका अनुवाद है, ‘जहां गायें सुखी रहती हैं, सभी धन और संपत्ति प्राप्त होती है. जहां गायें दुखी रहती हैं, धन और संपत्ति दुखी रहती है और गायब हो जाती है… गाय रुद्र की मां है, वसु की पुत्री, अदितिपुत्रों की बहन और घृतरूपी अमृत का खजाना है.’