
जिन साइकिलों पर रखे बम से हुईं 71 मौतें, वो आरोपियों के लिए कैसे बनीं सुरक्षा कवच, जानिए जयपुर ब्लास्ट की पूरी कहानी
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साल 2008 में जयपुर में 8 सीरियल ब्लास्ट हुए थे. इस ब्लास्ट की जिम्मदारी एक दिन बाद इंडियन मुजाहिदिन ने ली थी. आतंकियों ने 9 साइकिलों में बम लगाकार उन्हें सर्वाधिक भीड़ वाले स्थानों पर रखा था. शाम साढ़े सात बजे के आस-पास ये ब्लास्ट हुए और इनमें 71 लोग मारे गए, 185 घायल हो गए थे. इस मामले में हाई कोर्ट ने निचली अदालत से फांसी की सजा पाए चारों दोषियों का फैसला पलट दिया है.
साल 2008 कई मई में जयपुर में सिलसिले वार 8 ब्लास्ट हुए थे. इन सीरियल ब्लास्ट में 8 जानें गई थीं और 185 लोग घायल हो गए थे. मामले में चली लंबी जांच और कोर्ट ट्रायल के बाद साल 2019 में जयपुर की निचली अदालतों ने चार आरोपियों को दोषी माना था और फांसी की सजा सुनाई थी. बुधवार को इस मामले में राजस्थान हाईकोर्ट ने फैसला पलट दिया और आरोपियों को बरी कर दिया. जानिए 15 साल पहले के इस मामले की पूरी कहानी.
यहां ब्लास्ट में हुई थीं सबसे अधिक मौतें
तारीख 13 मई 2008. गुलाबी नगरी कहे जाने वाले जयपुर में चांदपोल बाजार नाम से जगह है. यहां हनुमान जी का मंदिर है. शाम का समय था और मंगलवार का दिन होने के कारण रोजाना से कुछ ज्यादा ही भीड़ यहां मौजूद थी. बजरंग बली के दर्शन के लिए श्रद्धालु जुटे हुए थे. इसी बीच घड़ी ने ज्यों ही साढ़े सात बजाए, घंटे-घड़ियालों की आवाज न जाने कैसे एक धमाके की आवाज के बीच कहीं गुम हो गई. सेकेंड के कई गुजरते हिस्से में तो पता ही नहीं चला कि क्या हुआ है, और धूल-धुआं के बीच जब कान कुछ सुनने लायक और त्वचा कुछ महसूस करने लायक हुई तो जिंदा-घायल लोगों के आगे तकरीबन 20 से अधिक लाशें बिखरी पड़ी थीं.
जयपुर में हुए थे सिलसिलेवार 8 ब्लास्ट ये धमाका मंदिर के ही आगे बने पार्किंग स्टैंड में हुआ था. जो जद में आए उनके तो चीथड़े उड़ गए और जो समझ गए कि यहां क्या हुआ वह इधर-उधर भागे. लेकिन भागते भी कहां? वह जैसे ही चांदपोल चौक पहुंचे तो सामने से भी बदहवास लोगों की भीड़ आ रही थी. वो जयपुर के त्रिपोलिया बाजार से भागे आ रहे थे, जो ठीक इसी समय एक और ब्लास्ट का शिकार बने थे, तब तक ऐसा ही धमाका छोटी चौपड़ में भी हुआ. बदहवास लोग वहां से भी भागे तो जौहरी बाजार में धमाका हो गया. अब लोगों को समझ में आ गया था कि उनके शहर में सीरियल बम ब्लास्ट हो रहा है और वे कहीं भी भागकर जाएं, अगर मरना हुआ तो मर ही जाएंगे. उस दिन शहर में एक बाद एक आठ ब्लास्ट हुए थे. गुलाबी शहर उस शाम लाल हो गया.
विस्फोट और दहशत के 16 मिनट धमाकों का ये सिलसिला शाम 7 बजकर 20 मिनट से शुरू हुआ था. सबसे पहले विस्फोट से लेकर आखिरी आठवें विस्फोट तक कुल 16 मिनट का समय बीता था. एक और नौवां विस्फोट भी हो जाता अगर, वक्त पर नौवें बम को डिफ्यूज न कर दिया गया होता. उस दिन की ऑफिशियल रिपोर्ट के मुताबिक विस्फोट में 71 लोग मारे गए और 185 लोग घायल हो गए थे.
शाम 7:20 बजे- पहला विस्फोट, हवा महल के सामने खांदा माणिक चौक, एक की मौत शाम 7:25 बजे- दूसरा विस्फोट, त्रिपोलिया बाजार, 6 लोगों की मौत शाम 7:30 बजे- तीसरा विस्फोट, छोटी चौपड़ कोतवाली के सामने, 2 पुलिसकर्मियों की मौत शाम 7:30 बजे- चौथा विस्फोट, त्रिपोलिया बाजार में एक और ब्लास्ट, 5 की मौत शाम 7:30 बजे- पांचवी विस्फोट, चांद पोल, हनुमान मंदिर पार्किंग के पास, 25 की मौत शाम 7:30 बजे- छठा विस्फोट, हनुमान मंदिर विस्फोट के कुछ सेकेंड बाद ही जौहरी बाजार में ब्लास्ट, 9 लोगों की मौत शाम 7:35 बजे- सातवां विस्फोट, छोटी चौपड़ के पास, 2 की मौत शाम 7:36 बजे- आठवा विस्फोट, सांगनेरी गेट हनुमान मंदिर, 17 लोगों की मौत

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