
जासूसी के आरोप में 45 रूसी राजनयिकों को पोलैंड ने निकाला, सुरक्षा एजेंसी के इनपुट के बाद हुई कार्रवाई
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रूस और यूक्रेन युद्ध के बीच पोलैंड काफी सतर्कता बरत रहा है. अब देश की आंतरिक सुरक्षा एजेंसी ने 45 रूसियों की गतिविधियां संदिग्ध पाईं और विदेश मंत्रालय से कहा कि उन्हें तत्काल देश से बाहर करें.
उत्तर अटलांटिक संधि संगठन (NATO) और यूरोपीय संघ के सदस्य पोलैंड ने बुधवार को 45 रूसी राजनयिकों को बाहर निकाल दिया है. देश के आंतरिक मामलों के मंत्री मारियस कामिंस्की (Mariusz Kaminski ) ने आरोप लगाया है कि ये सभी जासूसी का काम कर रहे थे.
पोलैंड की आंतरिक सुरक्षा एजेंसी का दावा है कि उसने इन संदिग्ध रूसी खुफिया अधिकारियों की पहचान की है जो राजनयिक का तमगा लगाकर देश में रह रहे थे. पोलैंड की सुरक्षा के लिए खतरा बताते हुए विदेश मंत्रालय से इन रूसियों को देश से बाहर निकालने की मांग की गई थी. पोलैंड के सुरक्षा मामलों के प्रवक्ता स्टैनिस्लाव जरीन ने कहा, 'पोलैंड गणराज्य और उसके सहयोगियों के प्रति रूस की नीति और यूक्रेन पर रूसी हमले को देखते हुए आतंरिक सुरक्षा एजेंसी प्रमुख ने चिन्हित व्यक्तियों के निष्कासन की मांग की थी.
एजेंसी ने यह भी कहा कि उसने रूसी खुफिया सेवाओं के लिए जासूसी के संदेह में एक पोलिश नागरिक को भी हिरासत में लिया है. संदिग्ध राजधानी वॉरसॉ के रजिस्ट्री कार्यालय में काम करता था और शहर के अभिलेखागार तक उसकी पहुंच थी.
पड़ोसी मुल्क यूक्रेन पर रूस के आक्रमण का मामला सामने आने पर पोलैंड की एजेंसी ने एक बयान में कहा, 'रजिस्ट्री और आरकाइव्स के दस्तावेजों को देखते हुए इस संदिग्ध शख्स की गतिविधि ने हमारे देश की आंतरिक और बाहरी सुरक्षा दोनों के लिए खतरा पैदा कर दिया था .
बता दें कि पोलैंड उत्तर अटलांटिक संधि संगठन (NATO) में शामिल है और नाटो से रूस की दुश्मनी जग जाहिर है. अपने पड़ोसी मुल्क यूक्रेन पर रूसी हमले के बीच पोलैंड काफी सतर्कता भी बरतने के साथ ही संकटग्रस्त देश से आने वाले शरणार्थियों को भी संभाल रहा है. इसी बीच 25 मार्च को अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन (Joe Biden) भी पोलैंड का दौरा करने जा रहे हैं. ऐसे में पोलैंड की रूसियों को लेकर चिंता स्वभाविक है.

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