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जानिए चन्नी का पंजाब के पहले दलित सीएम बनने का सफर, राजनीति में कैसे बढ़ा इनका कद?
ABP News
चन्नी दलित सिख (रामदसिया सिख) समुदाय से आते हैं और वरिष्ठ सरकारी पदों पर अनुसूचित जाति के प्रतिनिधित्व जैसे दलितों से जुड़े मुद्दों पर सरकार के मुखर आलोचक रहे हैं.
चंडीगढ़: वकील, मैनेजमेंट ग्रेजुएट और दलितों की आवाज़ उठाने वाले चरणजीत सिंह चन्नी ने आज पंजाब के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली. नगर परिषद का अध्यक्ष चुने जाने से लेकर पंजाब में दलित समुदाय से पहले मुख्यमंत्री के रूप में चुने जाने तक चरणजीत सिंह चन्नी का पिछले दो दशकों में सियासत में लगातार कद बढ़ता गया. पंजाब के रूपनगर जिले के चमकौर साहिब विधानसभा क्षेत्र से तीन बार के विधायक चन्नी साल 2012 में कांग्रेस में शामिल हुए थे. जानिए चन्नी का सियासी सफर.
चन्नी दलित सिख (रामदसिया सिख) समुदाय से आते हैं और अमरिंदर सिंह के नेतृत्व वाले मंत्रिमंडल में तकनीकी शिक्षा, औद्योगिक प्रशिक्षण, रोजगार सृजन और पर्यटन और सांस्कृतिक मामलों के विभागों को संभाल रहे थे. चन्नी ने प्रदेश कांग्रेस के प्रमुख नवजोत सिंह सिद्धू के खेमे का पक्ष लेते हुए अमरिंदर सिंह के खिलाफ तीन अन्य मंत्रियों के साथ बगावत कर दी थी. दिलचस्प बात यह है कि साल 2007 के विधानसभा चुनावों में चमकौर साहिब सीट के लिए कांग्रेस उम्मीदवार के खिलाफ बगावत करने के तीन साल बाद दिसंबर 2010 में अमरिंदर ही चन्नी को पार्टी में वापस लेकर आए थे.