जातीय समीकरण, नए चेहरे और दिग्गजों पर दांव... MP में बीजेपी ने नई कैबिनेट से साधा लोकसभा का गणित
AajTak
मध्य प्रदेश में जिन 28 मंत्रियों ने पद और गोपनीयता की शपथ ली है, उनमें 18 कैबिनेट, छह राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) और चार राज्यमंत्री शामिल हैं. नए मंत्रियों में ओबीसी का दबदबा है. 28 में से 12 मंत्री ओबीसी वर्ग से बनाए गए हैं. सामान्य वर्ग से सात और अनुसूचित जाति से पांच मंत्री बनाए गए हैं.
मध्य प्रदेश के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने जातिगत जनगणना का दांव चला था जो फेल रहा. लोकसभा चुनाव करीब है और उससे पहले विपक्ष के इस दांव को काउंटर करने के लिए भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने ओबीसी सीएम के साथ सामान्य और एससी डिप्टी सीएम की जिस सोशल इंजीनियरिंग का सहारा लिया था, अब मंत्रिमंडल के गठन में भी उसका विस्तार दिख रहा है. नई सरकार को 28 नए मंत्री मिले हैं.
मध्य प्रदेश में जिन 28 मंत्रियों ने पद और गोपनीयता की शपथ ली है, उनमें 18 कैबिनेट, छह राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) और चार राज्यमंत्री शामिल हैं. नए मंत्रियों में ओबीसी का दबदबा है. 28 में से 12 मंत्री ओबीसी वर्ग से बनाए गए हैं. सामान्य वर्ग से सात और अनुसूचित जाति से पांच मंत्री बनाए गए हैं. नई सरकार के नए मंत्रिमंडल में अनुसूचित जनजाति (एसटी) वर्ग से भी चार मंत्री बनाए गए हैं. एमपी सरकार के मंत्रिमंडल में जातीय गणित के साथ ही क्षेत्रीय समीकरण, गुटीय संतुलन साधने की कवायद भी साफ नजर आ रही है.
बीजेपी ने साधा गुटीय संतुलन
मोहन के मंत्रिमंडल में ज्योतिरादित्य सिंधिया के खेमे के नेताओं को भी जगह दी गई है तो वहीं शिवराज के करीबियों को भी शामिल किया गया है. हालांकि शिवराज सरकार में मंत्री रहे भूपेंद्र सिंह, गोपाल भार्गव, विसाहू लाल सिंह, मीणा सिंह, उषा ठाकुर, बृजेंद्र सिंह यादव, बृजेंद्र प्रताप सिंह और हरदीप सिंह डंग को नए मंत्रिमंडल में शामिल नहीं किया गया है. इस बार ऐसे नेताओं के नाम भी मंत्रिमंडल में हैं जो इन दोनों में से किसी के गुट से नहीं हैं यानी या तो सीएम मोहन यादव ने नाम बढ़ाया होगा या फिर सीधे हाईकमान ने.
मोहन मंत्रिमंडल में ज्योतिरादित्य सिंधिया के करीबी प्रद्युम्न सिंह तोमर, तुलसी सिलावट और ऐदल सिंह कंसाना जैसे नेता नए मंत्रिमंडल में जगह बनाने में सफल रहे हैं तो शिवराज के करीबी माने जाने वाले विश्वास सारंग जैसे नेताओं को भी मंत्रिमंडल में शामिल किया गया है. सिंधिया समर्थक प्रद्युम्न सिंह तोमर ग्वालियर सीट का प्रतिनिधित्व करते हैं. वह 2008 में कांग्रेस के टिकट पर पहली बार विधानसभा पहुंचे थे. 2013 में उन्हें मात मिली थी लेकिन 2018 और पार्टी बदलने के बाद 2020 के उपचुनाव में भी वह इसी सीट से चुनाव जीतने में सफल रहे थे. प्रद्युम्न सिंह तोमर और तुलसी सिलावट, शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व वाली पिछली सरकार में भी मंत्री रहे थे.
मोहन यादव सरकार में ये बने कैबिनेट मंत्री
हिंदी साहित्य के विमर्श के दौरान आने वाले संकट और चुनौतियों को समझने और जानने की कोशिश की जाती है. हिंदी साहित्य में बड़े मामले, संकट और चुनने वाली चुनौतियाँ इन विमर्शों में निकली हैं. महत्वपूर्ण विचारकों और बुद्धिजीवियों ने अपने विचार व्यक्त किए हैं. हिंदी साहित्यकार चन्द्रकला त्रिपाठी ने कहा कि आज का विकास संवेदन की कमी से ज्यादा नजर आ रहा है. उन्होंने कहा कि व्यक्ति प्रेम के लिए वस्तुओं की तरफ झूक रहा है, लेकिन व्यक्ति के प्रति संवेदना दिखाता कम है. त्रिपाठी ने साहित्यकारों के सामने मौजूद बड़े संकट की चर्चा की. ये सभी महत्वपूर्ण छोटी-बड़ी बातों का केंद्र बनती हैं जो हमें सोचने पर मजबूर करती हैं.
Maharashtra Assembly Election Result 2024: महायुति एक बार फिर राज्य की सत्ता में वापसी कर रही है. जनता ने महायुति के तीनों दलों बीजेपी, शिवसेना (एकनाथ शिंदे) और एनसीपी (अजित पवार) पर भरोसा जताया. यही कारण है कि उद्धव ठाकरे की शिवसेना, शरद पवार की एनसीपी और कांग्रेस के गठबंधन एमवीए 60 सीट भी नहीं पाती नजर आ रही है.
IND vs AUS Perth Test Day 2 Highlights: पर्थ टेस्ट के दूसरे दिन (23 नवंबर) भारतीय टीम मजबूत स्थिति में है. भारतीय टीम ने दूसरी पारी में शानदार खेल दिखाया. दिन का जब खेल खत्म हुआ तो केएल राहुल और यशस्वी जायसवाल जमे हुए थे. पहली पारी में भारतीय टीम 150 रनों पर आउट हुई थी. इसके बाद ऑस्ट्रेलिया ने अपनी पहली पारी में 104 रन बनाए थे.