
जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा- असहमति को दबाने के लिए आतंकवाद निरोधी कानून का दुरुपयोग नहीं होना चाहिए
ABP News
जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा, ‘‘इस जिम्मेदारी से भलीभांति अवगत रहते हुए भारत के उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश अधिकारों के विभाजन को बनाए रखने को लेकर एकदम सतर्क हैं.
उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ ने चुनौतीपूर्ण समय में मौलिक अधिकारों की रक्षा में शीर्ष न्यायालय की भूमिका को रेखांकित करते हुए कहा कि आतंकवाद निरोधी कानून समेत अपराध कानूनों का दुरुपयोग असहमति को दबाने या नागरिकों के उत्पीड़न के लिए नहीं होना चाहिए. अमेरिकन बार एसोसिएशन, सोसाइटी ऑफ इंडियन लॉ फर्म्स और चार्टर्ड इंस्टीट्यूट ऑफ आर्बिट्रेटर्स द्वारा आयोजित सम्मेलन में न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने सोमवार को यह बात कही. सम्मेलन का विषय ‘चुनौतीपूर्ण समय में मौलिक अधिकारों की रक्षा में उच्चतम न्यायालय की भूमिका’’ था. न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने कहा कि भारत का उच्चतम न्यायालय ‘‘बहुसंख्यकवाद निरोधी संस्था’’ की भूमिका निभाता है और ‘‘सामाजिक, आर्थिक रूप से अल्पसंख्यक लोगों के अधिकारों की रक्षा करना’’ शीर्ष अदालत का कर्तव्य है.More Related News