जस्टिन ट्रूडो ने छोड़ा प्रधानमंत्री पद, कनाडा में नए नेता की तलाश शुरू
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कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. उन्होंने खालिस्तानी आतंकवादियों का समर्थन करके भारत के साथ रिश्तों को बिगाड़ा था. ट्रूडो की लोकप्रियता गिर चुकी थी और उनकी लिबरल पार्टी में आंतरिक कलह थी. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भी ट्रूडो की आलोचना की. अब कनाडा में नए नेता के चुनाव की प्रक्रिया शुरू होगी. ट्रूडो के इस्तीफे से कनाडा की राजनीति में बड़ा बदलाव आ सकता है.
कनाडा की छवि दुनिया में बदल रही है. जस्टिन ट्रूडो की नीतियों ने देश को आतंकवादियों का पसंदीदा स्थान बना दिया है. अमेरिका भी चिंतित है कि आतंकवादी कनाडा से उसकी सीमा में घुस सकते हैं. कनाडा में इस्लामी आतंकवादी समूह हिज्ब उत-तहरीर की बैठक होने जा रही है, जिसमें गैर-मुस्लिम देशों को हराने की रणनीति बनाई जाएगी. VIDEO
प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के इस्तीफे के बाद खबर आ रही है कि कनाडा में जल्द ही इस्लामिक आतंकी संगठन हिज्ब उत तहरीर एक कॉन्फ्रेंस करने करने जा रहा है. यह खलीफा कॉन्फ्रेंस 18 जनवरी 2025 को कनाडा के मिसिसॉगो में आयोजित की जाएगी. यह कॉन्फ्रेंस इस्लामिक खिलाफत की बहाली और शरिया कानून लागू करने को बढ़ावा देने के उद्देश्य से आयोजित की जाएगी.
पिछले साल 2024 में ईरान में 901 लोगों को फांसी दी गई, जिनमें 31 महिलाएं भी शामिल थीं. इनमें से अधिकांश ड्रग से संबंधित अपराधों के लिए फांसी चढ़ाए गए, जबकि कुछ राजनीतिक असंतोष और महसा अमिनी की मौत के विरोध प्रर्दशनों में शामिल थे. फांसी की सजा पाने वाली एक महिला ऐसी भी थी जिसने अपनी बेटी को रेप से बचाने के लिए पति की हत्या कर दी थी.
कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. उन्होंने खालिस्तानी आतंकवादियों का समर्थन करके भारत के साथ रिश्तों को बिगाड़ा था. ट्रूडो की लोकप्रियता गिर चुकी थी और उनकी लिबरल पार्टी में आंतरिक कलह थी. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भी ट्रूडो की आलोचना की. अब कनाडा में नए नेता के चुनाव की प्रक्रिया शुरू होगी. ट्रूडो के इस्तीफे से कनाडा की राजनीति में बड़ा बदलाव आ सकता है.
करीब 2 दशक पहले कजाकिस्तान दुनिया का पहला ऐसा देश बना, जिसने न्यूक्लियर वेस्ट के आयात पर हामी भर दी. आसान ढंग से कहें तो जिस जहरीले कचरे से दुनिया के बाकी देश खौफ खाते हैं, वो उसे अपनी जमीन पर रखेगा. इसके बदले उसे भारी पैसे मिलने वाले थे, जो कि तभी-तभी आजाद हुए गरीब मुल्क के लिए निहायत जरूरी था. लेकिन फिर कुछ बदला, और कजाकिस्तान एकदम से बिदक गया.