
जलवायु परिवर्तन पर UN की IPCC रिपोर्ट भारत के लिए कितनी गंभीर है?
BBC
संयुक्त राष्ट्र की संस्था IPCC ने जलवायु परिवर्तन पर एक बेहद ज़रूरी रिपोर्ट जारी की है. जानिए उसमें भारत को लेकर क्या कहा गया है.
संयुक्त राष्ट्र के इंटरगवर्नमेंटल पैनल ऑन क्लाइमेट चेंज (IPCC) की रिपोर्ट अगर दूसरे देशों को पर्यावरण विनाश के लिए कार्बन उत्सर्जन कम करने को लेकर ध्यान दिला रही है तो भारत को इसे दूसरे नज़रिए से भी देखने की ज़रूरत है. कार्बन उत्सर्जन के मामले में चीन और अमेरिका के बाद भारत तीसरे स्थान पर है और वह कह चुका है कि वह पेरिस जलवायु समझौते के अपने वादे को पूरा करने की दिशा में अग्रसर है और 2005 के स्तर के अनुसार वह 2030 तक 33-35% कार्बन उत्सर्जन कम करेगा. पेरिस जलवायु समझौते का लक्ष्य दुनिया का तापमान 2 डिग्री सेल्सियस से अधिक नहीं बढ़ने देना है और उसे 1.5 डिग्री पर ही रोक देना है. लेकिन IPCC की रिपोर्ट संकेत देती है कि उसका पिछला लक्ष्य पूरा होता नहीं दिख रहा है, क्योंकि वैश्विक तापमान बढ़ने की दिशा में दुनिया के कई देश तेज़ी से कार्बन उत्सर्जन को कम नहीं कर पा रहे हैं. दुनिया के कई बड़े कार्बन उत्सर्जक देश घोषणा कर चुके हैं कि वे 2050 तक कार्बन के मामले में न्यूट्रल हो जाएँगे. यहाँ तक कि चीन ने 2060 तक के लिए अंतिम तिथि तय कर दी है.More Related News