
जलवायु परिवर्तन: आईपीसीसी की रिपोर्ट मानवता के लिए 'ख़तरे की घंटी'
BBC
संयुक्त राष्ट्र के वैज्ञानिकों ने अपने एक बेहद महत्वपूर्ण अध्ययन में पाया है कि मानवीय गतिविधियों से जलवायु पर विनाशकारी प्रभाव पड़ा है और ये एक कड़वी सच्चाई है जिसे नकारा नहीं जा सकता है.
संयुक्त राष्ट्र के वैज्ञानिकों ने अपने एक बेहद महत्वपूर्ण अध्ययन में पाया है कि मानवीय गतिविधियों से जलवायु पर विनाशकारी प्रभाव पड़ा है और ये एक कड़वी सच्चाई है जिसे नकारा नहीं जा सकता है. रिपोर्ट में कहा गया है कि वायुमंडल को गर्म करने वाली गैसों का उत्सर्जन जिस तरह से जारी है, उसकी वजह से सिर्फ दो दशकों में ही तामपान की सीमाएं टूट चुकी हैं. इस अध्ययन से जुड़े शोधकर्तांओं का मानना है कि मौजूदा हालात को देखते हुए इस आशंका से इंकार नहीं किया जा सकता कि इस शताब्दी के अंत तक समुद्र का जलस्तर लगभग दो मीटर तक बढ़ सकता है. लेकिन इसके साथ ही ये उम्मीद जुड़ी हुई है कि ग्रीनहाउस गैसों के उत्सर्जन में बड़ी कटौती करके बढ़ते तापमान को स्थिर किया जा सकता है. संयुक्त राष्ट्र के इंटरगवर्नमेंटल पैनल ऑन क्लाइमेट चेंज (IPCC) की 42 पन्नों की इस रिपोर्ट को नीति-निर्माताओं के लिए सारांश के रूप में जाना जाता है.More Related News