
जयपुर विस्फोट: राजस्थान हाईकोर्ट ने सभी आरोपियों की दोषसिद्धि को रद्द किया
The Wire
13 मई, 2008 को जयपुर में हुए सिलसिलेवार विस्फोटों में 71 लोगों की मौत हो गई थी. ट्रायल कोर्ट ने साल 2019 में मामले के चार आरोपियों को मौत की सज़ा सुनाई थी. राजस्थान हाईकोर्ट ने कहा कि साक्ष्य का कोई भी पहलू साबित नहीं हुआ और कुछ साक्ष्य मनगढ़ंत भी प्रतीत होते हैं. दोषी पुलिसकर्मियों के ख़िलाफ़ जांच के निर्देश दिए.
नई दिल्ली: राजस्थान हाईकोर्ट की जयपुर पीठ ने बुधवार को 13 मई, 2008 को जयपुर में हुए सिलसिलेवार विस्फोटों के मामले में चार लोगों की दोषसिद्धि और मौत की सजा को ‘संस्थागत विफलता’ के कारण हुई एक ‘गलत जांच’ का हवाला देते हुए रद्द कर दिया और निचली अदालत द्वारा पांचवें आरोपी को बरी किए जाने के फैसले को बरकरार रखा.
अदालत ने आपराधिक कानून के मूलभूत सिद्धांतों को दोहराया और पुलिस अधिकारियों के बयानों को साक्ष्य के रूप में अस्वीकार्य माना और कहा कि साजिश स्थापित करने का कोई आधार भी नहीं है.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, अपने फैसले में अदालत ने कहा जांच ‘उचित नहीं’ थी और पाया कि जांच एजेंसियों द्वारा ‘नापाक साधनों’ का इस्तेमाल किया गया था. अदालत ने राजस्थान के डीजीपी को जांच दल के दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने का निर्देश दिया है.
जस्टिस पंकज भंडारी और समीर जैन की पीठ ने मोहम्मद सरवर आजमी, मोहम्मद सैफ, सैफ-उर-रहमान अंसारी और मोहम्मद सलमान की सजा को रद्द कर दिया. उन्हें 20 दिसंबर, 2019 को एक विशेष अदालत ने मौत की सजा सुनाई थी.