जम्मू कश्मीर सरकार ने रियल एस्टेट निवेशकों के साथ 19,000 करोड़ रुपये निवेश के क़रार किए
The Wire
जम्मू कश्मीर के क्षेत्रीय दलों के नेताओं ने इस क़दम की आलोचना की है. पूर्व मुख्यमंत्रियों- उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ़्ती ने केंद्रशासित प्रदेश को रियल एस्टेट निवेशकों के लिए खोलने को लेकर प्रशासन पर निशाना साधा और आरोप लगाया कि क्षेत्र की जनसांख्यिकी को बदलने के लिए ऐसा किया जा रहा है.
जम्मू/नई दिल्ली: जम्मू कश्मीर सरकार ने बीते सोमवार को जमीन जायदाद के क्षेत्र में निवेश करने वाले निवेशकों के साथ करीब 19,000 करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव वाले 39 समझौता ज्ञापनों (एमओयू) पर हस्ताक्षर कर देश के रियल एस्टेट निवेशकों के लिए केंद्र शासित प्रदेश में निवेश का रास्ता खोल दिया. ये समझौते आवास, होटल और वाणिज्यिक परियोजनाओं के विकास के लिए हैं. Once again the true intentions of the government are brought to the fore.While offering to secure the land, jobs, domicile laws & identity of the people of Ladakh,J&K is being put up for sale.People of Jammu should beware,“investors” will buy up land in Jammu long before Kashmir. https://t.co/2xlxoWIr0b J&Ks special status was illegally revoked to dehumanise, dispossess & disempower the only muslim majority state in India.GOIs brazen loot & sale of our resources shows that the sole motive is to annihilate our identity & change the demography. https://t.co/MhYXEEWixY
शिखर सम्मेलन के दौरान संवाददाता सम्मेलन में उन्होंने कहा कि सरकार पहले ही यहां रियल एस्टेट से जुड़े कानून रेरा [रियल एस्टेट (विनियमन और विकास) अधिनियम, 2016] और आदर्श किराया कानून लागू कर चुकी है. — Omar Abdullah (@OmarAbdullah) December 27, 2021 — Mehbooba Mufti (@MehboobaMufti) December 27, 2021
सिन्हा ने कहा कि सरकार अन्य राज्यों की तरह जमीन, मकान और दुकान के पंजीकरण पर स्टाम्प शुल्क में छूट देगी और परियोजनाओं के तेजी से क्रियान्वयन को लेकर एकल मंजूरी व्यवस्था स्थापित करेगी.
उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘हमने आज 39 समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए. हमें 18,300 करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव मिले हैं.’