
जम्मू-कश्मीर: नौकरी से बर्ख़ास्त किए गए कर्मचारियों का क्या कहना है?
BBC
केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में पिछले तीन-साढ़े तीन महीने के भीतर 18 सरकारी कर्मचारियों को बर्ख़ास्त किया जा चुका है. इनको नौकरी से निकाले जाने का कारण 'राज्य की सुरक्षा के हित' में उठाया गया कदम बताया गया है.
नौकरी से बर्ख़ास्त किए जाने के बाद 39 साल के इदरीस जान मीर के सामने सबसे बड़ा सवाल है कि अब घर कैसे चलेगा? बीते ढाई माह से इदरीस रोज़गार की तलाश में हैं, लेकिन कामयाबी नहीं मिली. छोटा-मोटा व्यापार शुरू करना भी आसान नहीं, क्योंकि उनके मुताबिक़, "उसके लिए भी क़र्ज़ लेना पड़ेगा और क्या किया जाए ये भी एक बड़ा सवाल है." इदरीस जान मीर जम्मू-कश्मीर प्रशासन की हाल में आई एक रिपोर्ट के बाद बर्ख़ास्त किए जाने वाले पहले सरकारी मुलाज़िम हैं. उन पर अलगाववादी विचारधारा रखने, पत्थरबाज़ी करने और अपने इलाक़े में हिंसा भड़काने का इलज़ाम है. कहा गया है कि उनके हिंसा भड़काने की वजह से सरकारी और सार्वजनिक संपत्ति को नुक़सान पहुँचा. पिछले तीन-साढ़े तीन महीने के भीतर केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में 18 सरकारी कर्मचारियों को बर्ख़ास्त किया जा चुका है. इन लोगों को नौकरी से निकाले जाने का कारण 'राज्य के सुरक्षा हित' में उठाया गया कदम बताया गया है.More Related News