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जम्मू कश्मीर: जो गांव सेना को दुश्मन मानता था वहां महिलाएं अब बना रही हैं तिरंगे, जानें कैसे आया यह बदलाव
ABP News
15 अगस्त से पहले सेना और सरकारी दफ्तरों के लिए बड़े पैमाने पर तिरंगा (राष्ट्रीय ध्वज) सिलने का काम मिला है, इसके लिए यह महिलाएं भी एक फौजी की तरह ही काम कर रही हैं.
श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर बदल रहा है! यह हम नहीं कह रहे है यह कह रही है एक तस्वीरे जो शायद बहुत लोगों के खयालों में भी नहीं होगी. यह तस्वीर है, उत्तरी कश्मीर के कुपवाड़ा जिले के उस ईलाके की जहां कभी सिर्फ बंदूक का राज चलता था और जहां सेना का मतलब दुश्मन था. यह इलाका है कुनन्पोश्पोरा, जिस का नाम 1990 की शुरुआत में 22 महिलाओं के कथित सामूहिक बलात्कार से जुड़ा था. लेकिन आज श्रीनगर से 110 किलोमीटर दूर कुपवाड़ा जिले के उसी कुननपोशपोरा इलाके में कश्मीरी महिलाएं आने वाले स्वतंत्रता दिवस से पहले अपना एक बड़ा ऑर्डर तयार करने में जुटी हैं. 15 अगस्त से पहले सेना और सरकारी दफ्तरों के लिए बड़े पैमाने पर तिरंगा (राष्ट्रीय ध्वज) सिलने का काम मिला है, इसके लिए यह महिलाएं भी एक फौजी की तरह ही काम कर रही हैं.More Related News