जम्मू कश्मीरः बीफ बैन, रोहिंग्या निर्वासन की याचिका डालने वाले वकील अहम पदों पर नियुक्त
The Wire
जम्मू कश्मीर के क़ानून विभाग ने जम्मू एवं कश्मीर और लद्दाख हाईकोर्ट की जम्मू इकाई के क़ानून अधिकारियों के तौर पर कुल छह वकीलों को नियुक्त किया है. इनमें से दो नियुक्तियां भाजपा से जुड़ी हुई हैं.
श्रीनगरः गोमांस प्रतिबंध कानून के सख्त क्रियान्वयन को लेकर जम्मू एवं कश्मीर हाईकोर्ट के 2015 के निर्देश ने धार्मिक आधार पर जम्मू कश्मीर का ध्रुवीकरण किया और राज्य की तत्कालीन सरकार को असहज स्थिति में डाल दिया, विशेष रूप से तब जब यह पता चला कि इस मामले में याचिकाकर्ता कोई और नहीं बल्कि जम्मू एवं कश्मीर सरकार के डिप्टी एडवोकेट जनरल परिमोक्ष सेठ हैं.
सरकार ने साख बचाने के कदम के तौर पर सेठ द्वारा याचिका लेने से इनकार करने के बाद उन्हें तुरंत बर्खास्त कर दिया.
जम्मू एवं कश्मीर सरकार ने हाईकोर्ट की जम्मू इकाई में प्रतिनिधित्व के लिए उन्हें 22 दिसंबर को डिप्टी एडवोकेट जनरल नियुक्त किया. सेठ के साथ एडवोकेट हुनर गुप्ता को भी कानून अधिकारी के तौर पर नियुक्त किया गया. दोनों अब डिप्टी एडवोकेट जनरल हैं.
हुनर गुप्ता ने रोहिंग्या शरणार्थियों की पहचान और उनके निर्वासन के लिए हाईकोर्ट में याचिका भी दायर की थी.