![जम्मू अटैक: एयर बेस के करीब से लॉन्च किए गए थे ड्रोन, जानिए क्या था आतंकियों का मकसद](https://akm-img-a-in.tosshub.com/aajtak/images/story/202106/dro-sixteen_nine.png)
जम्मू अटैक: एयर बेस के करीब से लॉन्च किए गए थे ड्रोन, जानिए क्या था आतंकियों का मकसद
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आजतक को मिली जानकारी के मुताबिक सुरक्षा एजेंसियों को इस बात संदेह है कि आतंकियों ने एयर बेस के काफी करीब से ही ड्रोन को लॉन्च किया था. अब ऐसा इसलिए कहा जा रहा है क्योंकि आतंकियों के द्वारा इस्तेमाल में लाए गए ड्रोन काफी छोटे थे, ऐसे में हमला करने के लिए उनका ज्यादा पास जाना जरूरी था.
पांच मिनट के अंतराल पर हुए दो धमाकों ने जम्मू एयरफोर्स स्टेशन की सुरक्षा को लेकर सभी को चिंता में डाल दिया है. शुरुआती जांच में कई तरह के कयास लगाए जा रहे हैं, लेकिन पुख्ता तौर पर कुछ नहीं कहा जा रहा. अब इंडिया टुडे/ आजतक को मिली जानकारी के मुताबिक ड्रोन के जरिए किए गए इस हमले को काफी करीब से किया गया था. कहा गया है कि ड्रोन को हवाई अड्डे के करीब से ही लॉन्च किया गया था. कहा जा रहा है कि आतंकियों का मकसद हेलीकॉप्टरों को नुकसान पहुंचाने का था.![](/newspic/picid-1269750-20250217112846.jpg)
जयराम रमेश ने सोशल मीडिया पोस्ट में कहा, 'सैम पित्रोदा द्वारा चीन पर व्यक्त किए गए कथित विचार निश्चित रूप से भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के विचार नहीं हैं. चीन हमारी विदेश नीति, बाह्य सुरक्षा, और आर्थिक क्षेत्र की सबसे बड़ी चुनौती बना हुआ है. कांग्रेस पार्टी ने चीन के प्रति मोदी सरकार के दृष्टिकोण पर बार-बार सवाल उठाए हैं, जिसमें 19 जून 2020 को प्रधानमंत्री द्वारा सार्वजनिक रूप से चीन की दी गई क्लीन चिट भी शामिल है.'
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जयराम रमेश ने सोशल मीडिया पोस्ट में कहा, 'सैम पित्रोदा द्वारा चीन पर व्यक्त किए गए कथित विचार निश्चित रूप से भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के विचार नहीं हैं. चीन हमारी विदेश नीति, बाह्य सुरक्षा, और आर्थिक क्षेत्र की सबसे बड़ी चुनौती बना हुआ है. कांग्रेस पार्टी ने चीन के प्रति मोदी सरकार के दृष्टिकोण पर बार-बार सवाल उठाए हैं, जिसमें 19 जून 2020 को प्रधानमंत्री द्वारा सार्वजनिक रूप से चीन की दी गई क्लीन चिट भी शामिल है.'
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भारतीय रेल द्वारा भीड़ नियंत्रण की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल की गई है. देश के 60 बड़े रेलवे स्टेशन पर होल्डिंग एरिया स्थापित किए जाएंगे, जिससे यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके. इनमें से 35 प्रमुख स्टेशनों की निगरानी वॉर रूम से होगी. नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर हुई भगदड़ के बाद यह निर्णय लिया गया.