
जब मुलायम सिंह और कांशीराम ने हाथ मिला कर किया कल्याण सिंह को चित्त
BBC
मुलायम सिंह यादव और कांशीराम के बीच कैसे हुआ राजनीतिक गठजोड़ और इससे मायावती को क्या मिला, बता रहे हैं रेहान फ़ज़ल
जयंत मल्होत्रा उद्योगपति तो थे ही लेकिन घुड़सवारी के अलावा उनका एक और शौक़ भी था - उन राजनीतिक साथियों को एक मंच पर लाना जिनके बारे में कोई सोच भी नहीं सकता था कि वो कभी एक साथ बैठ भी सकते थे.
हुआ ये कि 90 के दशक की शुरुआत में रामजन्मभूमि आंदोलन की वजह से बीजेपी का सितारा बुलंदी पर था. कल्याण सिंह पूर्ण बहुमत के साथ उत्तरप्रदेश विधानसभा का चुनाव जीत चुके थे.
लेकिन तभी बीजेपी ने अपने ही पैरों पर कुल्हाड़ी मारी जब एक अनियंत्रित भीड़ ने 6 दिसंबर, 1992 को बाबरी मस्जिद को गिरा दिया, वो भी तब जब राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को आश्वस्त किया था कि बाबरी मस्जिद को कोई नुक़सान नहीं पहुंचने दिया जाएगा.
नतीजा ये हुआ कि एक ही झटके में उत्तर प्रदेश में बीजेपी की सरकार गिर गई. इससे पहले कि केंद्र सरकार कल्याण सिंह सरकार को बर्ख़ास्त करती, कल्याण सिंह ने ख़ुद ही अपने पद से इस्तीफ़ा दे दिया.