जब भारत एक लाख 70 हज़ार लोगों को कुवैत से सुरक्षित वापस लाया: विवेचना
BBC
हाल के दिनों में यूक्रेन में रह रहे भारतीयों को सुरक्षित भारत लाने को लेकर काफी चर्चा है. 1990 में जब सद्दाम हुसैन ने क़ुवैत पर हमला किया था तो एयर इंडिया के विमान वहां से एक लाख 70 हज़ार लोगों को सुरक्षित भारत लाए थे. क्या थी पूरी कहानी बता रहे हैं रेहान फ़ज़ल.
2 अगस्त, 1990 को तत्कालीन विदेश मंत्री इंदर कुमार गुजराल फ़िलीपींस के विदेश मंत्री अमारकम मंगलदास के सम्मान में दिन का भोज दे रहे थे. तभी कुवैत में भारत के राजदूत एके बुद्धिराजा का फ़ोन आया कि इराक़ ने कुवैत पर हमला कर दिया है.
उसी दिन कुवैत के शासक शेख़ अल-ज़बर अल-सबाह ने भागकर सऊदी अरब में शरण ले ली. तुरंत ही सुरक्षा परिषद की बैठक बुलाई गई जहाँ अमेरिका और सोवियत संघ दोनों ने एक मत से इराक़ के इस हमले की निंदा की.
उस समय कुवैत में क़रीब 2 लाख भारतीय रह रहे थे. चूँकि उन लोगों से संपर्क टूट गया था, ऐसे में भारत में रहने वाले उनके परिजन बहुत परेशान हो गए.
तुरंत ही राजनीतिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति की बैठक बुलाई गई जहाँ विदेश मंत्री इंदर कुमार गुजराल ने सुझाव दिया कि वो तुरंत मॉस्को, वाशिंगटन, अम्मान और बग़दाद की यात्रा पर जाएं.
उस वक्त उनके पास दो विकल्प थे. नंबर एक, कि वो अमेरिका को मनाएं कि वो इराक़ी सेना को कुवैत से निकालने के लिए कुवैत पर हमला न करें ताकि वहाँ रह रहे भारतीय सुरक्षित रहें. दूसरा विकल्प ये था कि वो इराक़ को मनाएं कि वो कुवैत में रह रहे भारतीयों को सुरक्षित भारत लाने में मदद करे.