जब पाकिस्तानी सैनिक राज कपूर के लिए लाए जलेबी- विवेचना
BBC
हाल ही में मशहूर निर्देशक राहुल रवैल की क़िताब 'राज कपूर: द मास्टर एट वर्क' प्रकाशित हुई है जिसमें उन्होंने राज कपूर के जीवन के उन पक्षों पर नज़र दौड़ाई है जिस पर अब तक कम लोगों की नज़र गई है. विवेचना में पढ़िए राज कपूर की जिंदगी से जुड़े दिलचस्प किस्से.
राज कपूर के बारे में कहा जाता था कि वो जो कुछ भी करते थे, उसके पीछे कोई न कोई कारण ज़रूर होता था. उनके दिमाग़ में हर तरह की सूचनाओं का भंडार रहता था. उनकी आंखें और कान हर तरफ़ लगे रहते थे.
राज कपूर का मानना था कि किसी भी रचनात्मक काम के पीछे हर तरह की नकारात्मक भावनाओं जैसे डर, बेइज़्ज़ती, हार, किसी अपने का खो जाना, संबंधों का टूटना बहुत ज़रूरी हैं. इन सबसे जीवन के प्रति हमारी समझ मज़बूत होती है और रचनात्मकता समृद्ध होती है.
राहुल रवैल भारत के जानेमाने फ़िल्म निर्देशक हैं. उन्हें कई फ़िल्मों में राज कपूर के साथ बतौर सहायक निर्देशक काम करने का मौक़ा मिला. हाल ही में उन्होंने राज कपूर पर एक दिलचस्प किताब लिखी है- 'राज कपूर: द मास्टर एट वर्क'. इसमें उन्होंने राज कपूर के जीवन के उन पक्षों पर अपनी नज़र दौड़ाई है, जिस पर अभी तक कम लोगों की ही नज़र गई.
राहुल रवैल बताते हैं, "मैंने 12वीं कक्षा के बोर्ड के इम्तेहान दिए ही थे कि एक दिन मेरे बचपन के दोस्त ऋषि कपूर का फ़ोन आया कि डैड आज से 'मेरा नाम जोकर' के सर्कस के दृष्यों की शूटिंग शुरू कर रहे हैं. ये शूटिंग आज़ाद मैदान में होनी है. अगर तुम कुछ कम कपड़े पहने सेक्सी रूसी कलाकारों को देखना चाहते हो, तो वहाँ पहुंच जाओ."
"मैं तुरंत वहाँ पहुंच गया. शुरू में उन रूसी लड़कियों ने मुझे आकर्षित ज़रूर किया, लेकिन जब मैंने राज अंकल को नज़दीक से काम करते देखा तो मैं सब कुछ भूल गया. उन्हें काम करते देख मैं पूरी तरह से मंत्रमुग्ध हो गया. उनको देख कर ऐसा लगा कि जैसे कोई संगीतकार बिना म्यूज़िक शीट के किसी सिंफ़्नी का संचालन कर रहा हो."