
...जब दोषी करार दी गई थीं इंदिरा गांधी! जानिए सोनिया-राहुल समेत गांधी फैमिली किन केसों का कर रही सामना
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मोदी सरनेम को लेकर की गई राहुल गांधी की टिप्पणी मामले में सूरत सेशन कोर्ट ने उन्हें दोषी माना है. कई बार सत्ता के शीर्ष पर रहने वाले गांधी परिवार के लिए यह पहली दफा नहीं है जब उसका कोई सदस्य कोर्ट-कचहरी के चक्कर में न पड़ा हो. देखा जाए तो किसी मामले में दोषी पाए जाने का सिलसिला पूर्व पीएम इंदिरा गांधी से शुरू होता है.
तारीख थी 12 जून 1975. सुबह के 10 बज रहे थे और इलाहाबाद हाई कोर्ट के कोर्ट रूम नंबर 24 में खचाखच भीड़ थी. थोड़ी ही देर में आने वाला था वो ऐतिहासिक फैसला, जो अगले ही पल देश की राजनीति को बदलने वाला था. जस्टिस जगमोहन सिन्हा ने कई दौर की सुनवाई के बाद अपना सिर उठाया और फिर थोड़े ही शब्दों में कहा- रायबरेली में हुए चुनाव में इंदिरा गांधी धांधली की दोषी पाई गई हैं, उनका चुनाव रद्द किया जाता है. इसके बाद क्या हुआ, वह सब इतिहास है.
इंदिरा मामले की याद क्यों? लेकिन, सवाल उठता है कि 48 साल पहले के इस मामले को आज फिर याद करने की क्या जरूरत आन पड़ी. आज न तो पूर्व पीएम की जयंती है न बरसी, न ही आपातकाल की तारीख के काले दिन वाली याद? वजह है. वजह ये है कि आज इसी गांधी परिवार का एक और सदस्य, देश की राजनीति में महत्वपूर्ण स्थान रखने वाले वायनाड से कांग्रेस के सांसद राहुल गांधी का मामला कोर्ट में था. अदालत ने उन्हें भी दोषी करार पाया है और मोदी सरनेम को लेकर की गई उनकी टिप्पणी पर दो साल की सजा भी सुना दी है. हालांकि उन्हें तुरंत बेल भी मिल गई.
इस मामले के बाद वो फाइल भी देख लेते हैं, जिसमें दर्ज है कि गांधी परिवार के किस-किस सदस्य पर कौन-कौन से मामलों की सुनवाई जारी है और कब किसे किन मामलों में दोषी पाया गया है.
पूर्व पीएम पर लगे थे ये आरोप ऊपर पूर्व पीएम इंदिरा गांधी वाले जिस मामले का जिक्र हुआ, उसकी कहानी सन 1971 से शुरू होती है. इंदिरा गांधी ने लोकसभा चुनाव में रायबरेली से जीत हासिल की थी. उनकी जीत को प्रतिद्वंद्वी राजनारायण ने कोर्ट में चुनौती दी. इस मुक़दमे को इंदिरा गांधी बनाम राजनारायण के नाम से जाना जाता है. इस हार के बाद राजनारायण कोर्ट की शरण में गए और इंदिरा गांधी पर चुनाव में धांधली का आरोप लगाया था. 12 जून 1975 को पूर्व पीएम को इस मामले में दोषी पाया गया था.
राहुल गांधी इस मामले में पाए गए दोषी कांग्रेस सांसद राहुल गांधी गुरुवार को मानहानि के मामले में दोषी पाए गए हैं, लेकिन उन पर अभी कई ऐसे मामले में हैं जो कोर्ट में हैं और जिन पर सुनवाई चल रही है.
इससे पहले साल 2019 में जब वह कांग्रेस अध्यक्ष थे, तब 'चौकीदार चोर है' बयान को लेकर उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से बिना शर्त माफी मांगी थी. राहुल ने अवमानना के मामले में पहले दायर किए गए दो हलफनामों में सिर्फ खेद जताया था. इस पर कोर्ट ने उन्हें फटकार लगाई थी. इसके बाद कांग्रेस अध्यक्ष के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने शीर्ष अदालत से मौखिक रूप से माफी मांगी थी.

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