जब दारा शिकोह का सिर काट कर पेश किया गया था शाहजहाँ के सामने
BBC
शाहजहाँ के सबसे प्रिय और सबसे बड़े बेटे दारा शिकोह को 30 अगस्त 1659 को क़त्ल कर दिया गया था. पढ़िए रेहान फ़ज़ल की विवेचना.
मुग़ल सल्तनत के बारे में मशहूर है कि वहाँ हमेशा एक फ़ारसी कहावत का बोलबाला रहा है 'या तख़्त या ताबूत' यानी या तो सिंहासन या फिर क़ब्र. अगर हम मुग़ल इतिहास के पन्ने पलटें तो पाएंगे कि शाहजहाँ ने न सिर्फ़ अपने दो भाइयों ख़ुसरो और शहरयार की मौत का आदेश दिया बल्कि 1628 में गद्दी सँभालने पर अपने दो भतीजों और चचेरे भाइयों को भी मरवाया. यहाँ तक कि शाहजहाँ के पिता जहाँगीर भी अपने छोटे भाई दान्याल की मौत के ज़िम्मेदार बने. ये परंपरा शाहजहाँ के बाद भी जारी रही और उनके बेटे औरंगज़ेब ने अपने बड़े भाई दारा शिकोह का सिर क़लम करवा कर भारत के सिंहासन पर अपना अधिकार जमाया. कैसी शख़्सियत थी शाहजहाँ के सबसे प्रिय और सबसे बड़े बेटे दारा शिकोह की?More Related News