जन विश्वास रैली के जरिये समझिये इंडिया गठबंधन को कैसे नई सांसें दे रहा है लालू परिवार
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बिहार में ही INDIA ब्लॉक की नींव पड़ी थी. इमारत के पिलर भी बनाये गये, लेकिन छत पड़ने से पहले ही नीतीश कुमार निकल लिये. पूरे देश में फिलहाल INDIA ब्लॉक मजबूती से कहीं खड़ा नजर आ रहा है, तो वो बिहार ही है - और विपक्षी गठबंधन को ये मजबूती देने वाला कोई और नहीं, लालू परिवार ही है.
पटना में INDIA ब्लॉक की रैली में विपक्षी नेताओं को नीतीश कुमार की गैरमौजूदगी बस इतनी ही महसूस हुई होगी वो मंच पर साक्षात मौजूद नहीं थे. ये रैली भी गांधी मैदान में ही हो रही थी, और कुछ ही दिन पहले तक नीतीश कुमार भी अपनी ताकत दिखाने का जरिया इसी तरीके को बना रहे थे - शायद उसी बात का असर है कि नीतीश कुमार को अब बार बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भरोसा दिलाना पड़ रहा है कि आगे से वो कहीं भी नहीं जाएंगे.
जन विश्वास रैली का आयोजन आरजेडी नेता तेजस्वी यादव की जन विश्वास यात्रा के समापन समारोह के रूप में किया गया. राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा और जन विश्वास यात्रा के समापन समारोह में काफी फर्क था. यूपी-बिहार की राजनीति के हिसाब से देखें तो सबसे बड़ा फर्क तो समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव की मंच पर मौजूदगी.
कांग्रेस की तरफ से राहुल गांधी के साथ अखिलेश यादव और तेजस्वी यादव की एक तस्वीर खूब शेयर की जा रही है. तस्वीर देख कर तो ऐसा लगता है जैसे कांग्रेस अखिलेश यादव को भी कोई मैसेज देना चाह रही हो, और तेजस्वी यादव के बहाने समाजवादी पार्टी के नेता को आईना दिखाने की कोशिश की जा रही हो.
गांधी मैदान की रैली में लालू यादव अपने परिवार और पार्टी के सदस्यों के साथ खुद भी मौजूद थे. बल्कि पूरे दमखम से डटे हुए थे. शरीर भले ही अब उतना साथ न दे रहा हो, आवाज में वो ओज भले न महसूस हो पार रही हो - लेकिन शब्द कम नहीं पड़ रहे थे.
चारा घोटाले में जेल से जमानत पर रिहा लालू यादव के निशाने पर सीधे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी थे, और - जाहिर है, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी.
नीतीश कुमार को लेकर तो तेजस्वी यादव ने भी काफी मजाक उड़ाया, लेकिन परिवारवाद की राजनीति को काउंटर करने की कोशिश में मोदी पर लालू की टिप्पणी पर ज्यादा ही बवाल मच गया है.
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